तुर्की भूकंप में मरने वालों की संख्या 8000
के पार पहुंची, 3 माह की इमरजेंसी घोषित

तुर्की में भूकंप से भारी तबाही की जानकारी अब सामने आने लगी है। अब तक भूकंप से 8000 लोगों की मौत की पुष्टि की झा चुकी है जबकि सैकड़ों लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। अब तक 34,000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी भी आई है, लिहाजा मरने वाले की संख्या कहीं ज्यादा होने की आशंका है। इस बीच तुर्की में इस संकट को देखते हुए 3 महीने के लिए आपातकाल की घोषणा कर दी जताई है।

भूकंप प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू टीमों ने लगातार बचाव अभियान चला रही हैं। भारत समेत अन्य देशों और संगठनों की टीम मलबे में जिंदगियां तलाशने में जुटी हैं। भारत अब तक दो बार वहां सहायता भेज चुका है। तुर्की के उप राष्ट्रपति फुआत ओकटे के मुताबिक भूकंप से 34,810 लोग घायल हुए हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस भीषण भूकंप से करीब 2.3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं।

याद रहे सोमवार तड़के तुर्की और सीरिया में 7.8 तीव्रता का भारी भूकंप आया था जिससे वहां भारी तबाही हुई है। जान-माल का बड़ा नुकसान होने के अलावा सरकारी और निजी संपत्ति बड़े पैमाने पर तबाह हो गयी है। कई ऊंची इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं जिनमें अस्पताल भी शामिल हैं लिहाजा घायलों के इलाज में दिक्कत आ रही है।

हजारों लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने कहा है कि तीन घातक भूकंपों के बाद 76 देश और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि 36 देशों से 3,319 खोज और बचाव कर्मी तुर्की पहुंचे हैं। वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को 19 देशों के शीर्ष नेताओं से फोन कॉल भी आए हैं। इन्होंने तुर्की को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस भीषण भूकंप से करीब 2.3 करोड़ लोग प्रभावित हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के सीनियर इमरजेंसी अधिकारी एडेलहेड मार्सचांग ने कहा कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। भूकंप के बाद तुर्की की ऐतिहासिक इमारतें पूरी तरह तबाह हो चुकीं हैं। तुर्की के मालाटया शहर में स्थित ऐतिहासिक येनी कैमी मस्जिद खंडहर में तब्दील हो गई है।

तुर्की के राष्ट्रपति ने अगले सात दिन तक राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। वहां तीन महीने तक इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। भूकंप से प्रभावित यानी बेघर हो चुके लोगों के लिए देश की सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बनाया गया है।