तीरथ सिंह रावत इस्तीफा देंगे ! उत्तराखंड में गतिविधियां तेज

भाजपा उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलने की तैयारी है। महज चार महीने पहले मुख्यमंत्री पद सँभालने वाले तीरथ सिंह रावत की छुट्टी तय हो गयी है। पिछले तीन दिन से दिल्ली में बैठे तीरथ दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं और उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलने का वक्त माँगा है। जानकारी के मुताबिक कल भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे।
तीरथ, जो कि इस समय सांसद हैं, को 10 सितंबर तक किसी भी सूरत में विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। हालांकि, ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक भाजपा आलाकमान ने तीरत को बता दिया है कि उन्हें इस्तीफा देना है। तीरथ के मुख्यमंत्री पद से जाने की ख़बरें तब सामने आई हैं जब जल्दी ही मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की भी चर्चा तेज है।
जानकारी के मुताबिक कल उत्तराखंड भाजपा विधायक दल की बैठक होगी और किसी विधायक को ही भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसमें केंन्द्रीय मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर पार्टी प्रेक्षक के रूप में उपस्थित होंगे।
तीरथ यदि इस्तीफा देते हैं तो सतपाल महाराज और धन सिंह रावत के उनकी जगह लेने की चर्चा है। महाराज  और रावत के भी आज ही दिल्ली में होने की जानकारी है। उत्तराखंड में अगले साल ही चुनाव हैं और भाजपा वहां खुद को बहुत मजबूत नहीं मान रही।
यहाँ यह बताना भी दिलचस्प है कि बंगाल में भी ममता बनर्जी को भी नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। हिमाचल में एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव होना है। कुछ और जगह भी उपचुनाव होने हैं। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों के लिए कोई संकेत नहीं दिए हैं। वैसे यह पहली बार है कि उपचुनावों को लेकर चुनाव आयोग खामोश बैठा है। ऐसे में यह भी कहा जा रहा है कि यदि उपचुनावों की घोषणा नहीं होती है, तो बंगाल सहित अन्य उपचुपानों का क्या होगा?
फिलहाल उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज है। मुख्‍यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा है। वे इस समय दिल्ली से देहरादून लौट रहे हैं। चर्चा तेज है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने वाले हैं। रावत ने शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर उनसे और गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाक़ात की थी। तीन दिन में वे दो बार नड्डा से मिले हैं। इसके बाद ही उनके इस्तीफे की चर्चा तेज हुई है।