तालिबान का कांधार में लोगों को घर खाली करने का फरमान; वहां रहती हैं तालिबान से जंग में मरे सैनिकों की पत्नियां

अपने वादे के विपरीत अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने आम जनता पर जुल्म करने शुरू कर दिए हैं। कांधार में जहाँ तालिबान ने लोगों घर खाली करने के लिए कहा है, वहीं पंजशीर से रिपोर्ट्स हैं कि जिन जगहों पर तालिबान ने कब्ज़ा कर लिया है वहां लोगों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं। कांधार में जिन लोगों को घर खाली करने को कहा गया है उनमें ज्यादातर उन सैनिकों की पत्नियां हैं, जिनके पति पिछले 20 साल में तालिबान के खिलाफ कार्रवाई में मारे गए या घायल हुए।

वैसे अफगानिस्तान में कुछ जगह लोगों की तरफ से तालिबान का विरोध अभी भी जारी है और उन पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है जो इन विरोध प्रदर्शनों को कवर रहे हैं। उधर संयुक्त राष्ट्र ने संकट झेल रहे अफगानिस्तान को आर्थिक मदद की बात दोहराई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने कांधार में अपने लड़ाकों के रहने के लिए आम लोगों को फरमान जारी करके उनके घर खाली करवाने शुरू कर दिए हैं। खबरों के मुताबिक कांधार में सेना की आवासीय कॉलोनी में लोगों को तीन दिन के भीतर अपने घर छोड़कर दूसरी जगह जाने को कहा गया है ताकि उन घरों में तालिबान लड़ाके रह सकें।

हालांकि, वहां लोगों ने तालिबान के इस आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया है। इस फरमान के बाद लोगों ने सड़कों पर उतर कर जबरदस्त प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में लोगों ने कांधार में गवर्नर हाउस के सामने जमा होकर इस फरमान के नारेबाजी की। जहाँ यह प्रदर्शन हुए हैं, वह पूर्व सैनिकों की आबादी वाला कांधार का   उपनगर ज़ारा फ़रका है।

ज़ारा फ़रका के लोगों का कहना है कि वह कहीं और नहीं जाना चाहते हैं।  लिहाजा लोग हजारों की तादाद में तालिबान का विरोध करने पर उतर आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने जिस कालोनी को खाली करने का फरमान जारी किया है उसमें करीब दस हजार लोग रहते हैं। दिलचस्प यह भी है कि इनमें ज्यादातर उन सैनिकों की पत्नियां हैं, जिनके पति पिछले 20 साल में तालिबान के खिलाफ कार्रवाई में मारे गए या घायल हुए।

तालिबान का यह कहर आम लोगों पर ही नहीं टूट रहा, बल्कि उन पत्रकारों पर भी टूट रहा है जो उसके खिलाफ जनता के विरोध प्रदर्शनों को कवर कर रहे हैं। कुछ पत्रकारों को तालिबान गार्डों ने काफी पीटा भी है। विरोध प्रदर्शन के बाद कांधार के राज्यपाल ने अस्थायी रूप से किसी भी निष्कासन पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि समुदाय के बुजुर्गों के साथ इस मामले पर चर्चा की जाएगी, जिसके बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।

उधर पंजशीर की हालत भी उन जगहों पर खराब है, जहाँ तालिबान ने कब्जा कर लिया है। वहां लोगों पर बड़े पैमाने पर जुल्म किये जाने की ख़बरें हैं। कुछ वीडियो में दिखाया गया है कि रेजिस्टेंस फ़ोर्स और नॉर्थर्न एलायंस के समर्थकों को ढूंढ़ ढूंढ़ कर मारा-पीटा जा रहा है।