तबाही की जंग पर उतरे इजराइल और हमास

 

  हमास दाग़ रहा रॉकेट, तो इजराइल कर रहा भयंकर हवाई हमले
  मौतों के तांडव से लोगों में ख़ौफ़, फिलिस्तीनी कर रहे पलायन

इजराइल और फिलिस्तीनी चरमपंथी हमास के बीच तबाही का युद्ध छिड़ा हुआ है। यह युद्ध इतना भीषण है कि संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी पर भी नहीं रुक रहा है। अगर युद्ध रुक भी जाता है, तो भी दोनों देशों के शासकों और आम नागरिकों दिलों पर बड़ी तबाही की दास्तान लिख जाएगा। युद्ध का यह दौर एक महीने पहले यरुशलम में शुरू हुआ, जो इजराइल की तरफ़ से उकसाया गया रमज़ान के महीने के दौरान हथियारों से लैस इजराइली पुलिस तैनात रही और यहूदी शरणार्थियों द्वारा दर्जनों फिलिस्तीनी परिवारों को निर्वासित करने के ख़तरे ने प्रदर्शनों को हवा दी, जिससे उनकी पुलिस के साथ झड़पें हुईं। पुलिस ने जब अल अक्सा मस्जिद में आँसू गैस के गोले और फिलिस्तीनियों पर ग्रेनेड फेंके, तो यरुशलम को बचाने का दावा करने वाले हमास ने 10 मई की देर रात इजराइल में रॉकेट दाग़ने शुरू कर दिये, जिसके बाद युद्ध शुरू हो गया। वैसे तो गाजा पट्टी को लेकर दोनों देशों- इजराइल और फिलिस्तीन के बीच साल 2014 से युद्ध जारी है, मगर अब यह बहुत बड़े स्तर पर पहुँच चुका है। बता दें कि पहले का युद्ध फिलिस्तीन क्षेत्र और इसकी सीमा पर बसे इजराइली समुदायों वाले इलाक़े तक ही सीमित था, मगर अब यह यरुशलम में शुरू हुआ है; जिससे बड़ा नरसंहार हो रहा है। इस लड़ाई ने इजराइल में दशकों बाद भयावह यहूदी-अरब हिंसा को जन्म दिया है।

युद्ध की एक बड़ी वजह यह है कि हमास को इजराइल एक आतंकी संगठन मानता आया है। अब दोनों देशों के बीच मई के पहले सप्ताहांत से फिर युद्ध छिड़ गया है। ख़बर लिखे जाने तक हमास ने इजराइल पर क़रीब 1800 रॉकेट दाग़ दिये थे, वहीं इजराइल फिलिस्तीन के क़ब्ज़े वाली गाजा पट्टी क्षेत्र पर 600 से ज़्यादा हवाई हमले कर चुका है। इन हमलों में 14 मई की शाम तक क़रीब ढाई दर्जनों बच्चों समेत क़रीब 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी थी। इजरायली सेना का अनुमान है कि गाजा में हमास के पास इस समय 20 से 30 हज़ार रॉकेट हैं। वहीं इजरायल ने यह भी कहा है कि अब वह हमास के उग्रवादियों को हमेशा के लिए शान्त करके ही दम लेगा। दोनों तरफ़ से जारी हमलों से आम लोगों की घबराहट बढ़ी हुई है, जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है और इजराइल के हवाई हमलों से घबराकर फिलिस्तीन के लोग गाजा पट्टी क्षेत्र छोडक़र पलायन कर रहे हैं।

राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, इस जवाबी कार्रवाई में हमास के 11 कमांडर मारे जा चुके हैं। युद्ध में 70 लोगों के मारे जाने की पुष्टि फिलिस्तीन कर चुका है। सूत्र बताते हैं कि 300 से ज़्यादा लोग इजराइली हमले में घायल हुए हैं। वहीं इजरायल केवल छ: नागरिकों के मारे जाने की बात स्वीकार रहा है। हालाँकि कुछ ख़बरों की मानें, तो दोनों ओर से अधिक मौतें हुई हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि हमले जारी रहे, तो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच भयंकर युद्ध छिड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने कहा है कि वह ताज़ा हिंसा को लेकर बहुत चिन्तित हैं। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू को फोन करके इजराइल के अपने प्रतिरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है।

सदियों से चल रहा तनाव

दोनों देशों के बीच हो रहा यह भीषण युद्ध सन् 2014 में भी हुआ था। दरअसल यहूदी, इस्लाम और ईसाई धर्मों के बीच तीनों की पवित्र नगरी येरुशलम को लेकर सदियों से टकराव चल रहा है। जिस पर सभी अपनी-अपनी दावेदारी करके उस पर क़ब्ज़ा जमाना चाहते हैं।

भारत ने की शान्ति की पहल
इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथियों में लगातार होते युद्ध को लेकर भारत ने चिन्ता ज़ाहिर की है और सभी हिंसक गतिविधियों, विशेषकर गाजा से किये गये रॉकेट हमलों की निंदा करते हुए युद्ध को तत्काल रोकने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट करके कहा है कि भारत सभी तरह की हिंसक गतिविधियों, ख़ासकर गाजा से किये गये रॉकेट हमलों की निंदा करता है। तिरुमूर्ति ने इजरायल में एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक जताया और ज़ोर दिया कि हिंसा में तत्काल कमी लाना समय की ज़रूरत है। दोनों पक्षों को ज़मीन पर यथास्थिति में बदलाव से बचना चाहिए।