ट्विस्ट : फेसबुक पर सचिन पायलट के अकॉउंट में दोबारा से लौट आया कांग्रेस का ‘हाथ’ चिन्ह

एक बहुत ही दिलचस्प ‘ट्विस्ट’ में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बागी होकर इन दिनों अज्ञातवास में हैं, ने अपने फेसबुक अकॉउंट पर दोबारा कांग्रेस का चुनाव निशान ‘हाथ’ लगा लिया है। अभी यह पता नहीं कि क्या सचिन कांग्रेस से बातचीत कर रहे हैं या इसका कोई और कारण है, लेकिन उनके इस ट्विस्ट ने राजनीति के गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।

पायलट ने फेसबुक के अपने अकॉउंट में यह परिवर्तन आज ही किया है। पहले उन्होंने हाथ का यह चिन्ह हटा दिया था। हाथ, कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है, जिसकी बजह से यह चर्चा फिर शुरू हो गयी है कि क्या सचिन कांग्रेस में ही रहने के लिए पार्टी आलाकमान से कोई बात कर रहे हैं, या यह भी किसी ‘कानूनी पहलु’ का हिस्सा है।

सचिन पायलट ने फेसबुक पर आज अभी तक तीन पोस्ट की हैं। इनमें से पहली गोस्वामी तुलसी दास के संबंधित है जबकि दूसरी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस पर  शुभकामनाएं देने वाली पोस्ट है। तीसरी पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस की है। इन तीनों में सचिन ने कांग्रेस का चुनाव चिन्ह हाथ फिर वापस लाया है।

यदि एक दिन पहले रविवार की बात करें तो सचिन ने कारगिल विजय दिवस और अन्य पोस्ट्स में हाथ का यह चिन्ह नहीं लगाया था। सच तो यह है कि सचिन ने इस चिन्ह को बहुत पहले हटा लिया था, जब 19 विधायकों वाला मामला सामने आया था। आज की उनकी पोस्ट्स में कांग्रेस का ‘हाथ’ चिह्न वापस लौट आने से कई कयास शुरू हो गए हैं।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने आज फेसबुक पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं, जिसमें हाथ का चिह्न दिखाई दिया। उन्होंने पोस्ट में लिखा – ‘सेवा और निष्ठा के पर्याय और राष्ट्र की सुरक्षा और जनता की रक्षा के लिए सदैव निःस्वार्थ भाव से समर्पित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के समस्त जवानों और देशवासियों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।’

इसके अलावा, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर भी फेसबुक पर पोस्ट लिखा है। इन दोनों पोस्ट में नीचे के भाग में कांग्रेस पार्टी का चिह्न ‘हाथ’ दिख रहा है। जब उन्होंने हाथ चिन्ह हटाया था तभी उनके भाजपा में जाने की अटकलें शुरू हुई थीं, हालांकि, उन्होंने याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेजों से लेकर हाई कोर्ट तक यही कहा है कि कांग्रेस में हैं, और पार्टी नहीं छोड़ रहे।