टीके पर सियासत

इसे देश की विडंबना कहें या इस दौर का चलन कि हर काम में यहाँ सियासत होने लगती है। मौज़ूदा समय में कोरोना टीका की विश्वनीयता को लेकर सियासत हो रही है। कोरोना टीका आने के पहले ही यह सरकार और विपक्षी सियासी पार्टियों के बीच फँसती नज़र आ रही है। ऐसे माहौल में अगर यह टीका किसी भी मरीज़ में किसी कारणवश असफल होता है, तो इस पर बवाल होना तय है। फिलहाल इस पर चर्चा गरम है।

तहलका संवाददाता ने इसे लेकर सिसायतदानों और चिकित्सकों से बात की। कुछ सियासतदान टीका न लगवाने की बात कह चुके हैं, तो डॉक्टर भी कोरोना टीके के प्रयोग को लेकर आशंकित हैं। दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से लडऩे और उभरने के लिए जिस प्रकार कोरोना टीके को सियासी बनाया जा रहा है, उससे शंका तो पनपी है। क्योंकि डॉक्टर ही मेडिकल सिस्टम भी तो किसी-न-किसी रूप में किसी पार्टी से जुड़ा है। वैक्सीन पर उठे सियासी सवालों पर डॉक्टरों का कहना है कि बिना टीके के ही अगर कोरोना धीरे-धीरे ही सही काबू हो रहा था, तो कोरोना टीके को लेकर विश्व में पहले भारत को अपना नाम दर्ज करवाने की क्या जल्दबाज़ी है?

फिलहाल कौन-सा टीका कब लगेगा और इसकी क्या कीमत होगी? इस पर तस्वीर साफ नहीं है। बताते चलें देश में ऑक्सफोर्ड से बने कोविडशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकाल स्थिति में मंज़ूरी मिली है। देश में इन दोनों टीके को लेकर अफवाहों का दौर भी चल रहा है। वहीं इन दोनों वैक्सीन को लेकर बाज़ार में जबरदस्त लॉबिंग भी देखी जा रही है।

वैक्सीन को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोविडशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों ही वैक्सीनों सुरक्षित बता रहे हैं। आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि बड़े ही शोध से सफलता मिली है। इसलिए वैक्सीन को लेकर किसी प्रकार की कोई शंका करना गलत है।

आईसीएमआर के पूर्व डीजी डॉ. वी.एम. कटोच का कहना है कि कोरोना टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। वैज्ञानिकों ने शोध के दौरान सभी पहलुओं पर कड़ी मेहनत की है और इसके लिए सभी मापदण्डों का पालन किया है। मैक्स अस्पताल के कैथलैब के डायरेक्टर डॉ. विवेका कुमार ने भी कोरोना वैक्सीन पर भरोसा जताया है। इधर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं कि वह कोरोना टीका नहीं लगवाएँगे। क्योंकि उन्हें भाजपा पर भरोसा नहीं है। अखिलेश का आरोप है कि कोरोना की आड़ में भाजपा सरकार महँगाई, अन्याय और बेरोज़गारी  के आँकड़े छिपा रही है। अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा के नेताओं ने कहा कि अब दवा और वैक्सीन को राजनीतिक पार्टियों के साथ जोड़ा जाएगा। क्या समाजवादी पार्टी अलग से अपनी वैक्सीन बनवा रही है या बनवाएगी? उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का कहना है कि अखिलेश यादव राजनीतिक स्तर पर इतने गिर जाएँगे कि वैक्सीन पर भी सियासत करेंगे, यह उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों व चिकित्सकों का अपमान किया है। उन्हें माँफी माँगनी चाहिए।