झारखण्ड से भी तय हो रही चुनावी रणनीति

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार चुनाव का बिगुल झारखंड से फूँक दिया है। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद ट्विटर पर लिखा है- ‘उठो बिहारी, करो तैयारी, जनता का शासन अबकी बारी।’ बिहार चुनाव के लिए चौसर बिछ गयी है। इसकी कुछ मोहरों की चाल झारखंड से भी चली जा रही हैं। इसकी मुख्य वजह राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव का रांची (झारखंड) में होना है। वहाँ वह चारा घोटाला मामले में सज़ायाफ्ता हैं। हालाँकि उन्हें जमानत मिल गयी है, मगर वह चुनाव होने तक बाहर नहीं आ सकते। बिहार में चुनावी दाँव खेले जाने की तैयारी चल रही है। सभी प्रमुख पार्टियों के अलावा झामुमो भी बिहार चुनाव में ताल ठोक रहा है। उसने भी 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है। बिहार में भी राजद, कांग्रेस, झामुमो गठबंधन में चुनाव लडऩे की उम्मीद है, जिसकी योजना रांची में भी तैयार हो रही है।

लालू को मिला है बंगला

अस्वस्थ होने के कारण लालू जेल की बजाय अस्पताल में कैदी बने हैं। पहले उन्हें होटवार जेल की जगह रिम्स में रखा गया था। राज्य में गठबंधन की सरकार है। इसमें झामुमो व कांग्रेस के साथ राजद भी शामिल है। नतीजतन लालू प्रसाद को थोड़ी और सहूलियत मिल गयी। उन्हें कोरोना बचाव के नाम पर रिम्स से रिम्स निदेशक के बंगले में भेज दिया गया। अब लालू बंगले में कैदी के रूप में रह रहे हैं।

कैदी होते हुए लगता रहा दरबार

रिम्स के पेइंग वार्ड में लालू प्रसाद का दरबार लगता रहा है। हाल में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कोरोना का इलाज के लिए यहीं भर्ती थे। एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें लालू प्रसाद के अलावा बन्ना गुप्ता व कुछ अन्य लोग पेइंग वार्ड की लॉबी में बैठे हुए हैं। इससे पहले भी कई बार रिम्स में लालू के दरबार लगने की तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। अगस्त में लालू यादव को केली बंगले यानी रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट कर दिया गया। बंगले में प्रवेश के लिए दो गेट हैं, जो सभी के लिए नहीं खुलते। चर्चा है कि अब यहाँ दरबार लग रहा है, जिसकी तस्वीरें बाहर नहीं पहुँच रहीं।

चुनाव घोषणा के बाद लग रही भीड़

बिहार में चुनाव की घोषणा के बाद लालू दरबार में भीड़ लगने लगी है। बंगले के बाहर लालू से मिलने वाले राजद नेता व कार्यकर्ता सुबह से देर रात तक डटे हुए दिखते हैं। हालाँकि इनमें कितने लोग मिल पाते हैं, यह बता पाना असम्भव है। बंगले के बाहर खड़े राधो यादव ने बताया कि वह राजद के कार्यकर्ता हैं और चुनाव को लेकर लालू प्रसाद से मिलने आये हैं। जेल प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है, वह प्रयास कर रहे हैं। बंगले के दोनों गेट भीतर से बन्द है और सुरक्षाकर्मी तैनात दिखते हैं। यहां लोगों की भीड़ अक्सर दिखती है। लेकिन बिहार के विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद भीड़ कुछ ज़्यादा ही दिखने लगी है। हाल में बंगले का निरीक्षण करने के नाम पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के लालू यादव से मिलने का मामला सामने आया। इस पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में बयाबाज़ी भी हुई, फिर मामला दब गया।

आरोप-प्रत्यारोप है जारी

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद के लिए रेड कारपेट बिछा रखा है। स्वास्थ्य के नाम पर उन्हें बंगला दे दिया गया है। यह राजद का चुनावी कार्यालय बन गया है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की तरह कई नेता गुपचुप तरीके से लालू से मिल रहे हैं। झारखंड और बिहार के नेता आ-जा रहे हैं। इन्हें राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। जेल मैन्युअल की धज्जियाँ उड़ायी जा रही हैं। इन सभी बातों को राज्य सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है। विपक्ष के इस आरोप के जवाब में राजद नेताओं का कहना है कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। लालू प्रसाद जनता के प्रतिनिधि हैं। आज भी लोग उन्हें चाहते हैं। चुनाव में अपनी हार को देखते हुए भाजपा फिज़ूल के आरोप लगा रही है; जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। लालू प्रसाद जेल प्रशासन से अनुमति लेकर नियम के तहत ही मिला जा सकता है। यह सही है कि कुछ लोग नियम के तहत कभी-कभी उनसे मिलने जाते हैं; लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बंगला चुनावी कार्यालय बन गया है।

राज्य सरकार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के लिए रेड कारपेट बिछा रखा है। रिम्स निदेशक का बंगला राजद का चुनावी कार्यालय बन गया है। बंगले के अन्दर से बिहार चुनाव का संचालन हो रहा है। लालू प्रसाद से छुप-छुपकर कौन मिल रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। किस तरह से बिहार के लोग यहाँ लगातार पहुँच रहे, यह सभी को दिख रहा है।

प्रतुल शाहदेव

प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

लालू प्रसाद यादव जन-नेता हैं। उनके अस्वस्थ्य होने और कोरोना वायरस का खतरा होने के भय के कारण उन्हें रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है। लालू प्रसाद  यादव लोकप्रिय भी हैं, इसलिए उन्हें सभी चाहते हैं। उनके चाहने वाले मिलने के प्रयास में आते हैं। उनके बंगले के बाहर घंटो खड़े रहते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि सब लालू से मिलकर जाते हैं।  अनीता यादव

प्रदेश प्रवक्ता, राजद