जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति, कमला हैरिस उप-राष्ट्रपति चुने गए

डेमोक्रेट उमीदवार जो बाइडन  नए राष्ट्रपति चुने गए हैं। वे देश के 46वें राष्ट्रपति होंगे।   भारतीय मूल की डेमोक्रेट कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति चुना गया है। सीएनएन, एपी, बीबीसी के मुताबिक बाइडन ने राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन प्रतिद्वंदी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को हरा दिया है और राष्ट्रपति चुने जाने के लिए जरूरी 270 से ज्यादा मत अभी तक हासिल कर लिए हैं। पेनसिल्वेनिया में जीत के साथ ही बाइडन की जीत का रास्ता साफ़ हो गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके बाइडन को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक के नतीजों में बाइडन को 284 और ट्रंप को 214 वोट मिले हैं। बाइडन की जीत की घोषणा के साथ ही अमेरिका में बाइडन समर्थकों का जश्न शुरू हो गया है और वे बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर इसका स्वागत कर रहे हैं।
जो बाइडन का पूरा नाम जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर है। उनका जन्म 1942 में पेन्सिलवेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। बाइडन ने डेलावेयर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद सिरैक्यूजयूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की। वह 1970 में न्यू कैसल काउंटी से पार्षद चुने गए। वे ओबामा के कार्यकाल, 2008 से लेकर 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे। अगर वह इस बार राष्ट्रपति चुनाव जीत जाते हैं तो वह 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे।
बाइडन ने शनिवार को देश की जनता को संबोधित किया था। उन्होंने ट्रंप के चुनाव नतीजों को ‘न मानने’ और मेल-इन वोटों में गिनती को धांधली बताने के बाद देश में राजनीतिक पारे को ठंडा करने की कोशिश की थी। अपने संबोधन में बाइडन ने ट्रंप का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्हें संबोधित करते हुए कहा – गुस्सा थूकिए, हम विरोधी हो सकते हैं, लेकिन दुश्मन नहीं। हम सब अमेरिकी हैं।
साथ ही बाइडन ने अपने डेमोक्रेट समर्थकों से कहा – ‘इसमें कोई शक नहीं कि डेमोक्रेट्स चुनाव जीतने जा रहे हैं। अमेरिकी जनता ने हमें सरकार चलाने का जनादेश दिया है। देश चाहता है कि वो फिर एकजुट होकर आगे बढ़े। आप धैर्य रखें। आज हम वही साबित कर रहे हैं जो 244 साल पहले (1776 में) किया था। और वो यह है कि लोकतंत्र कामयाब और कारगर है। आपका हर वोट गिना जाएगा।’ देश में तनाव को देखते हुए बाइडन ने अपने समर्थकों से शांति बाजनाए रखने की भी अपील की है।
गिनती पर सवाल खड़े कर रहे ट्रंप ने कहा था – ‘बीते दो-तीन दिन में नंबर्स (वोट काउंट) किस तरह बढ़ रहे हैं, मैं इसका स्पष्टीकरण चाहता हूं। चुनाव की रात में मैं सभी राज्यों में लीड कर रहा था। जैसे ही कुछ दिन गुजरे, ये लीड कम हो गई। जैसे ही कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, शायद हमारी लीड भी बढ़ेगी। जो बाइडन को प्रेसिडेंट ऑफिस पर गलत दावा नहीं करना चाहिए। मैं भी ऐसा दावा कर सकता हूं। कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।’
ट्रंप को लेकर अमेरिका में अब बड़े स्तर की चर्चा शुरू हो गयी है। यह आशंका जताई जाने लगी है कि ट्रंप हार के बावजूद ‘व्हाइट हॉउस’ छोड़ने में आनाकानी कर सकते हैं। ऐसा होता है तो यह अभूतपूर्व स्थिति होगी। इसमें अमेरिका की सीक्रेट सर्विस और सेना का क्या रोल रहेगा, यह भी महत्वपूर्ण होगा।
सीक्रेट सर्विस का जिम्मा होता है कि वह व्हाइट हाउस में ”अवांछित तत्वों’ को  किसी भी सूरत में न रहने दे। बाइडन चुनाव जीत जाते हैं और ट्रंप व्हाइट हाउस न छोड़ने पर अड़ जाते हैं तो वो कानूनी रूप से ‘अवांछित तत्व’ माने जाएंगे। ऐसे में सीक्रेट सर्विस का रोल महत्वपूर्ण हो जाएगा और उन्हें ट्रंप को बाहर करना होगा। अमेरिका में चुनाव नतीजे आने के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा की एक लंबी प्रक्रिया है, जिसके चलते नया राष्ट्रपति जनवरी में जाकर ही पूर्ण अधिकार हासिल कर पाता है। फिलहाल तो नतीजे का इन्तजार है।
इस बीच अमेरिकी की सीक्रेट सर्विस ने बाइडन की जीत के बाद उनकी सुरक्षा को मजबूत कर दिया है और उनके घर के इलाके के आसमान को ‘नो फ्लाई जॉन’ घोषित कर दिया गया है। बाइडन 4 बड़े राज्यों पेन्सिलवेनिया, एरिजोना, जार्जिया और नेवादा में बढ़त हासिल की। उन्हें रिपक्लिन राज्य में भी बढ़त मिली।
पॉपुलर वोट में भी बाइडन ट्रंप से आगे हैं। बाइडन के जहां 74387118 पॉपुलर वोट हैं, वहीं ट्रंप के वोटों की संख्या 70205202 है। हालांकि, पॉपुलर वोट जीत में निर्णायक नहीं माने जाते लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि देश में राष्ट्रपति होने की पहली टर्म में ही ट्रंप अपने नए प्रतिद्वंदी से लोकप्रियता में पीछे हैं। बता दें पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भी ट्रंप चुनाव जीतने के बावजूद पॉपुलर वोट पाने में अपनी प्रतिद्वंदी हिलेरी किलंटन से पिछड़ गए थे।