जीतू फौजी १४ दिन की न्यायिक हिरासत में

बुलंदशहर हिंसा : जीतू का कहना उसने नहीं की हत्या

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक हफ्ते पहले हुई हिंसा के मामले में आरोपी जितेंद्र मलिक उर्फ़ जीतू फौजी को पुलिस ने रविवार को को कोर्ट में पेश किया जहाँ उसे १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वैसे जीतू ने कोर्ट जाते हुए मीडिया के लोगों से कहा कि वह वहां मौजूद ज़रूर था लेकिन उसने उसने इंस्पेक्टर को गोली नहीं मारी।
जीतू को इससे पहले पुलिस घटनास्थल पर भी लेकर गयी। सेना ने उसे आज ही पुलिस के सुपुर्द किया है। पुलिस ने सेना अधिकारीयों को जीतू की फोन कॉल्स की डिटेल्स भी दिखाईं जिसके बाद सेना ने उसे पुलिस के हवाले करने की हामी भरी।
जीतू और उसके परिवार वाले उसे निर्दोष बता रहे हैं।  मीडिया से बातचीत में उसके भाई, जो की  कार्यरत है, ने दावा किया कि परिवार के पास जीतू को निर्दोष साबित करने वाले कुछ प्रमाण हैं। कश्मीर के सोपोर में २२ राष्ट्रीय रायफल्स के अधिकारीयों ने उसे रात करीब साढ़े १२ बजे उसे यूपी एसटीएफ को सौंपा। जीतू यहीं तैनात है।
मेरठ के एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने कहा कि जितेंद्र मालिक से  पूछताछ की गई है। ”जितेन्द्र ने स्वीकार किया है कि वह उस जगह था जब भीड़ ने इकट्ठा होना शुरू किया था। पहली नजर में यह सच पाया गया है। यह अभी तक नहीं कहा जा सकता है कि वह इंस्पेक्टर या सुमित को गोली मारने वाला व्यक्ति है।” जितेंद्र (जीतू)  ने कहा है कि वह ग्रामीणों के साथ वहां गया था, लेकिन उसने पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की।
उधर बुलंदशहर हिंसा पर रिपोर्ट आने के बाद बुलंदशहर देहात के एएसपी रईस अख्तर को भी पीएसी मुख्यालय, लखनऊ तब्दील कर दिया गया है।  मनीष मिश्र को उनकी जगह तैनाती दी गयी है। उनसे पहले तीन अफसरों को तब्दील किया जा चूका है।