जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल, यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता के बीच पार्टी को बुधवार को तब झटका लगा जब उसके एक नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए। हाल के पंचायत चुनावों में मार खाने की बाद भाजपा आलाकमान यूपी को लेकर सक्रिय हुई है और उसने कांग्रेस के एक बड़े नेता का दलबदल करवा लिया है। जितिन ने भाजपा में शामिल होने के अपने फैसले को सोच समझकर किया फैसला बताया है।
हाल के महीनों में उत्तर कांग्रेस को प्रियंका गांधी ने लगातार सक्रिय किया है। लेकिन जितिन प्रसाद के भाजपा में चले जाने से उसे निश्चित ही झटका लगा है  ब्राह्मणों का एक नेता माना जाता है। पिछले साल भाजपा में दलबदल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जितिन के पार्टी में आने पर कहा – ‘छोटे भाई का स्वागत।’
जितिन दिल्ली भाजपा केंद्रीय कार्यालय में आज एक संक्षिप्त कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पार केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रसाद को पार्टी की सदस्यता दिलाई और उनका स्वागत किया। गोयल ने कहा – ‘प्रसाद के पार्टी में शामिल होने से पार्टी को बल मिलेगा।’
भाजपा में शामिल होने से पहले जितिन प्रसाद गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मिले। प्रसाद ने पार्टी में आने के बाद कहा – ‘आज कोई वास्तव में संस्था के तौर पर काम करने वाला दल है तो वह भाजपा है। बाकी दल, व्यक्ति विशेष और क्षेत्रीयता तक सीमित रह गए हैं। पीएम मोदी नए भारत का जो निर्माण कर रहे हैं, उसमें मुझे भी छोटा सा योगदान करने का मौका मिलेगा। अगर आप किसी पार्टी में रहकर अपने लोगों के काम नहीं आ सकते हैं तो वहां रहने का क्या फायदा। मुझे उम्मीद है कि भाजपा समाजसेवा का माध्यम बना रहेगा।’
जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं (जी-23) में एक हैं जिन्होंने कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। याद रहे जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्हें पार्टी में कद्दावर नेता माना जाता था और वे संगठन चुनाव में सोनिया गांधी के  पद के लिए खड़े हुए थे।
जितिन 2009 में यूपीए सरकार में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में इस्पात राज्यमंत्री बनाये गए थे। वे यूपीए सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री भी रहे। प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था और 2019 में भी लोकसभा चुनाव में वे धौरहरा से हार गए थे।
यूपी में भाजपा की योगी सरकार को लेकर भाजपा के भीतर बड़ी चर्चा है। माना जा रहा है कि यूपी में ब्राह्मण भाजपा से बहुत नाराज हैं। अब भाजपा ने जितिन प्रसाद को पार्टी में लेकर बड़ा दांव खेला है क्योंकि उन्हें बड़ा नेता माना जाता है।