जयराम ठाकुर ने हिमाचल में सरकार बनाने की ली शपथ

जयराम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही हिमाचल की राजनीति में नए युग का सूत्रपात हो गया। राज्यपाल देव व्रत ने जय राम को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। रिज मैदान पर मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कई वरिष्ठ नेता जिनमें जगत प्रकाश नड्ढा, प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार शामिल है, मंच पर उपस्थित थे। दिलचस्प यह है कि केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के बिलासपुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कमर धूमल के हमीरपुर जिले से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। मुख्यमंत्री के अलावा ११ मंत्रियों ने शपथ ली। हिमाचल में ६८ सदस्यों की विधानसभा है और इतने ही मंत्री बनाये जा सकते हैं।
धूमल के भविष्य को लेकर अभी कयास हैं। उन्हें या तो केंद्र में मंत्री या राज्यपाल बनाया जा सकता है। वे इस चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे लेकिन आशचर्यजनक रूप से चुनाव हार गए थे। नवनिर्वाचित मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर को बुधवार राज्यपाल देवव्रत ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद हैं। जयराम ठाकुर के साथ महेन्‍द्र सिंह, किशन कपूर, सुरेश भारद्वाज, अनिल शर्मा, सरवीन चौधरी, राम लाल मार्कण्डेय, विपिन सिंह परमार, वीरेंद्र कंवर, विक्रम सिंह, गोविंद सिंह और राजीव सहजल ने भी मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को हराकर सत्ता हासिल की है। भाजपा ने 68 सदस्यीय विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब 44 सीटें हासिल की है। कांग्रेस ने 21 सीटों पर जीत हासिल की है।
जयराम ठाकुर के शपथ लेते ही वहां जय श्रीराम के नारे लगने लगे। रिज पर बड़ी संख्या में भाजपा समर्थक उपस्थित थे और मोदी मोदी के अलावा जय श्री राम के नारे लगा रहे थे।
मुख्यमंत्री के बाद मोहिंदर सिंह ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली। मंडी की धरमपुर सीट से विधायक बने. साल 1990 से लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं। इनका पांच अलग-अलग दलों से जीतने का रिकॉर्ड है. साथ ही ये सीएम जयराम ठाकुर के भी बेहद करीबी हैं। किशन कपूर ने मंत्री पद की शपथ ली. वो दो बार हिमाचल सरकार में मंत्री रह चुके हैं। सुरेश भारद्वाज ने मंत्री पद की शपथ ली. वो शिमला शहरी सीट से विधायक बने। इससे पहले वो राज्यसभा सांसद थे। जबकि 1997, 2007 और 2012 में भी विधायक रह चुके हैं।
अनिल शर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली। शर्मा मंडी सीट से विधायक हैं. वो 2017 के हिमाचल चुनाव से पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. ये तीन बार विधायक और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।
सरवीन चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली. वो शाहपुर सीट से चुनाव जीतीं हैं. सरवीन शाहपुर से 2007 से लगातार विधायक हैं. धूमल सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री भी रह चुकी है।
रामलाल मार्कण्डेय ने मंत्री पद की शपथ ली. वो लाहौल स्पीति सीट से विधायक बने हैं. 1998 और 2007 में भी विधायक बन चुके हैं. 1998 में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
विपिन परमार ने मंत्री पद की शपथ ली. वो सुल्लाह विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। दो बार हिमाचल बीजेपी के महासचिव रहे हैं। कांगड़ा-चंबा बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं। वीरेंद्र कंवर ने मंत्री पद की शपथ ली. वो ऊना की कुटलेहड़ सीट से चुनाव जीते हैं। २००३ से लगातार विधायक चुने गए हैं। साथ ही धूमल के लिए सीट छोड़ने को तैयार थे।
विक्रम सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. वो जसवां प्रागपुर सीट से विधायक हैं. 2003-2012 में विधायक चुने जा चुके हैं। गोविंद ठाकुर ने संस्कृत में मंत्री पद की शपथ ली। वो कुल्लू की मनाली सीट से चुनाव जीते हैं. लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं. गोविंद ठाकुर पूर्व jai-ram-4मंत्री कुंज लाल ठाकुर के बेटे हैं। राजीव सैजल ने मंत्री पद की शपथ ली। वो सोलन की कसौली सीट से चुनाव जीते हैं. कसौली सीट से
लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं. सैजल अनुसूचित जाति से हैं।