जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में आया, बोले तेजस्वी ; चुने गए महागठबंधन विधायक दल के नेता

बिहार विधानसभा चुनाव के कड़े मुकाबले में कुछ ही सीटों से जीत से पीछ्हे रह गए महागठबंधन  मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को गंभीर आरोप लगते हुए कहा है कि ‘जनादेश महागठबंधन के पक्ष में था, लेकिन चुनाव आयोग का परिणाम एनडीए के पक्ष में आया।’ तेजस्वी ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा-जदयू (एनडीए) ने धन, छल और बल के जरिए जीत हासिल की है। इस बीच आज उन्हें बिहार में राजद-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन (महागठबंधन) विधायक दल का नेता चुना गया।
नतीजों के बाद पहली बार तेजस्वी मीडिया के सामने आये। वे हार के बावजूद विश्वास  से भरे दिख रहे थे और उन्हें चेहरे पर हार जैसा कोई भाव नहीं था। उन्होंने इस मौके पर कहा – ‘यह पहली बार नहीं हुआ है। साल 2015 में जब महागठबंधन बना था, तब वोट हमारे पक्ष में थे, लेकिन भाजपा ने सत्ता हासिल करने के लिए बैक डोर एंट्री ली।’ इससे पहले तेजस्वी को राजदाद-कांग्रेस-वामपंथी (महागठबंधन) का नेता चुना गया। इस लिहाज से जाहिर है नई विधानसभा गठित होने के बाद वो विपक्ष के नेता बनेंगे।
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि हमें लोगों का समर्थन मिला, लेकिन राजग ने धन, छल और बल के जरिए चुनावी जीत हासिल की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में काफी जोश में दिख रहे  तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। तेजस्वी ने कहा – ‘चाहे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी बैठे, असली विजेता हम हैं और जनादेश उनके पक्ष में आया है।’
महागठबंधन विधायक दल के नेता ने पोस्टल बैलट की गिनतियों में फ्रॉड का भी आरोप लगाया और पुनर्मतगणना की मांग की। उन्होंने कहा – ’20 सीटों पर बहुत कम अंतर था। पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार धन, बल, छल से इस 31 साल के नौजवान को रोकने में नाकामयाब रहे, लेकिन आरजेडी को सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनने से रोक नहीं पाए। जनादेश महागठबंधन के लिए था। मुख्यमंत्री चोर दरवाजे से अंदर आना चाहते हैं।’
तेजस्वी ने कहा – ‘देखिए नीतीश कुमार के चेहरे की चमक कहां चली गई है, वो तीसरे नंबर पर आ गए हैं। यह बदलाव का जनादेश है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं, लेकिन हम लोगों के दिलों में बैठे हैं।’ तेजस्वी ने वोटों की दोबारा गिनती की मांग की और अपने कुछ उम्मीदवारों के वोटों में बिल्कुल कम अंतर होने का हवाला दिया। युवा नेता ने यह भी सवाल किया कि पोस्टल बैलट शुरू में क्यों नहीं गिने गए थे और आरोप लगाया कि कई सीटों पर पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित कर दिया गया था। उन्होंने मांग की कि जिन पोस्टल बैलट्स को अवैध घोषित किया गया था, उन्हें सामने लाया जाए।