जनता की जागरूकता का नतीजा है कोरोना का कम होना

भले ही कोरोना के मामले देश में कम हो रहे है पर कोरोना है। आँकडों में उलझें कोरोना मामलें को लेकर दिल्ली के डाक्टरों और व्यापारियों ने तहलका को बताया कि कोरोना एक महामारी है। जिसने चौपट कर दिया है। लेकिन लाँकडाउन के दौरान अगर कोरोना के मामले कम आ रहे है। तो ये जनता की जागरूकता का नतीजा है। इसका मतलब ये नहीं है। कि हम लोग फिर से बिना मास्क के लापरवाही के साथ घरों से निकलने लगे। सोशलडिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि देश में कोरोना के मामले कम हो रहे है। ना कि कोरोना गया है। इसलिये कोरोना को लेकर हमें और जागरूक व सतर्कता बरतनी होगी। वैक्सीन लगवाने में देरी ना करें।

वहीं देश के व्यापारियों ने बताया कि अगर कोरोना का कहर और कोरोना रहेगा। तो क्या लाँकडाउन से आजादी नहीं मिलेगी। ऐसे में हम व्यापारियों के लिये सरकार को गाइड लाइन बनानी होगी। ताकि व्यापारिक गतिविधियां चलती रहे ।वैसे ही कोरोना के चलते अगर देश की अर्थ व्यवस्था टूटी है। तो उसकी वजह है लाँकडाउन का लगना। अखिल भारतीय व्पापारी जागरूक मंच व ट्रस्ट के ,सचिव गिरीश प्रधान का कहना है कि देश में महामारी है। अब सरकार इस महामारी से व्यापारियों के काम-धंधे पर विचार करें ताकि व्यापारी काम कर सकें। क्योंकि व्यापारियों की हालत दिन व दिन कमजोर होती जा रही है।