छींटाकशी में उलझे दिल्ली के सियासतदाँ

चुनाव विधानसभा से पहले ही दिल्ली के सियासतदाँ जनता को लुभाने के लिए एक-दूसरे की कमियाँ और अपनी-अपनी उपलब्धियाँ गिनाने में मशगूल हो गये हैं। नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अब दिल्ली की सियासत और गरमा गयी है।

इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव को लेकर अपने-अपने पोस्टर-बैनर भी लगाने शुरू कर दिये हैं। इससे दिल्ली में चुनाव की आहट होने के साथ-साथ मोहल्लों-गलियों का नज़ारा बदला-बदला सा नज़र आ रहा है। हालाँकि इस बार चुनाव के ऐन पहले कोई भी एक ऐसा मुद्दा नहीं दिख रहा है, जिसको लेकर सियासत की जा सके। वहीं भले ही दिल्ली में भाजपा के पास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के िखलाफ कोई चुनावी मुद्दा न मिल रहा हो, पर चुनाव की आहट और जनता के मिजाज़ को भाँपते हुए अब भाजपा पूरे चुनावी रंग में दिख रही है। वह नागरिकता संशोधन बिल को चुनाव में चुनावी मुद्दा बना सकती है। क्योंकि इससे पहले भाजपा के पानी को लेकर किये गयये खुलासे की पोल खुल चुकी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि केजरीवाल ने जनता को गुमराह कर मार्च तक फ्री में बिजली-पानी और बसों में महिलाओं को यात्रा करवा रहे हैं। लेकिन जनता सब जानती है कि अब केजरीवाल की छवि वह नहीं रही जो चुनाव 2015 विधानसभा में थी। भाजपा ने केजरीवाल की अस्थायी फ्री की राजनीति का काट स्थायी अनधिकृत कॉलोनियों को पक्का करने की रजिस्ट्री करके शुरू कर दी है। अनुच्छेद-370 को लाकर भी भाजपा ने जनता में अपनी धाक जमायी है। भाजपा नेताओं ने  अनुच्छेद-370 पर कहा कि भाजपा सरकार की करनी और कथनी में अन्तर नहीं है।

बता दें कि दिल्ली में लोकसभा की सातों सीटों पर भाजपा का कब्ज़ा है। लेकिन विधानसभा चुनाव 2015 में भाजपा को कुल तीन सीटों पर ही जीत मिली थी। ऐसे में वह हर हाल में खोये हुये जनाधार को पाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। सबसे दिलचस्प और चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा को डर अब भी बना हुआ है। भाजपा को यह बात परेशान कर रही है कि पिछले  विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन चुनावी सभाएँ की थीं। उस समय देश-भर में मोदी लहर चल रही थी; लेकिन  उसके बाद भी दिल्ली में भाजपा को केवल तीन ही सीटें ही मिली थीं। ऐसे में अब पार्टी उन पहलुओं पर गम्भीरता से सोच भी रही है और आने वाले चुनाव में जीतने के लिए रणनीति भी बना रही है; ताकि इस बार कोई चूक न हो और जनता के बीच पुरानी गलतियों को दोहराव न हो जाए। जैसे टिकटों के वितरण में ज़मीनी कार्यकताओं की उपेक्षा का होना है।

वहीं, पिछली बार दिल्ली से पूरी तरह साफ हो चुकी कांग्रेस भी इस बार के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए इस बार मज़बूती से रणनीति बना रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने कहा है कि भाजपा और आप पार्टी की राजनीति से दिल्ली वाले तंग आ चुके हैं। दिल्ली की जनता अब कांग्रेस के शासनकाल में हुए विकास कार्यों और भाईचारा की राजनीति को याद कर रहे हैं। दिल्ली में विकास-कार्य ठप पड़े हैं और भाजपा की तोडफ़ोड़ वाली राजनीति को नकार रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता रमेश पंडित ने विश्वास नगर विधानसभा में कहा है कि आप पार्टी और भाजपा ने जनता को लुभाने के लिए तात्कालिक छोटी-छोटी फ्री की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब जनता के सामनेे स्थायी व जनता को लाभ देनी वाली योजनाओं की घोषणा करेगी, ताकि दिल्ली के सभी वर्गों को बिना भेद-भाव के लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि आज देश में प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर जनता हाहाकार कर रही है और केन्द्र की भाजपा सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार एक-दूसरे पर आरोपबाज़ी कर अपनी •िाम्मेदारी से बच रही हैं। ऐसे में गरीब जनता पिट रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी पीठ थपथपा रही है कि वो काम कर रही है, जबकि दिल्ली में पीने का पानी तक गंदा  और बदबूदार आ रहा है। वहीं ऑड-ईवन के नाम पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके अपना प्रचार-प्रसार करने में लगी है। जबकि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली वाले बीमार पड़ रहे उस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

इधर, आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली वालों से आम आदमी पार्टी ने चुनाव में जो वादे किये थे, उनको पूरा किया है। अब दिल्ली में गली-गली कैमरे लगने से लोगों को काफी राहत मिली है। उनका कहना है कि बिजली और पानी के नाम पर जनता से पैसे लूटे जा रहे थे, वह लूट अब पूरी से बन्द है। किरायेदारों तक को भी बिजली और पानी की वो सुविधा रही है, जो मकान मालिक को मिला करती थी। आम आदमी पार्टी में कोई घोटाला और भ्रष्टाचार जैसे मामले सामने नहीं आये हैं, जिससे भाजपा और कांग्रेस को दिक्कत हो रही है, उनको कोई चुनावी मुद्दा नहीं मिल रहा है। ऐसे में सीधा लाभ आप पार्टी को मिलेगा और वह फिर से दिल्ली में सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में गन्दे पानी को लेकर जो सियासत केन्द्र सरकार ने की थी, उसमें उसकी गन्दी राजनीति का पर्दाफास हुआ है; क्योंकि दिल्ली में पीने का पानी पूरी तरह से साफ है और लोग पी रहे हैं। रहा सवाल वायु प्रदूषण का वो पराली के जलने से हो रहा है; उसका भी समाधान करने के प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि राजधानी वाले साफ हवा में साँस ले सकें। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर भी केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि जो लोग काम के सिलसिले में बाहर बस गये हैं, उनमें बहुतों के गाँव में उनका कुछ भी नहीं है, ऐसे में क्या वे विदेशी कहलाएँगे?