छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का निधन, राजकीय शोक घोषित

दिग्गज कांग्रेस नेता और हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह का निधन हो गया है। चार बार केंद्रीय मंत्री भी रहे वीरभद्र सिंह ने आज तड़के 3.40 पर अंतिम सांस ली। उन्हें जवाहर लाल नेहरू राजनीति में लाये थे। उनके निधन पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर तमाम राजनीतिक दलों के नेत्ताओं ने शोक जताया है। बहुत लोकप्रिय वीरभद्र सिंह के निधन से हिमाचल में शोक की लहर है और प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
हिमाचल के विकास में वीरभद्र सिंह बड़ा रोल रहा और उन्हें प्रदेश की आज तक की राजनीति का सबसे कद्दावर नेता माना जाता है। कांग्रेस ही नहीं पूरे प्रदेश की राजनीति में उनका बड़ा स्थान था और विपक्ष के नेता भी उन्हें सम्मान से देखते थे।
पिछले दो महीने से वीरभद्र सिंह का स्वास्थ्य गड़बड़ चल रहा था। वे दो बार कोविड पॉजिटिव भी हुए लेकिन दोनों बार ठीक हो गए थे। हालांकि, उनके फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनकी तबीयत लगातार खराब चल रही थी और सोमवार को वे आईजीएमसी शिमला में लगभग अचेत हो गए थे। इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। अब आज उनका निधन हो गया जिसके बाद प्रदेश भर में शोक की लहार फ़ैल गयी।
वीरभद्र सिंह बुशहर रियासत के पूर्व राजा भी थे और हिमाचल में उनकी लोकप्रियता किसी भी नेता के मुकाबले सबसे ज्यादा मानी जाती थी। उनके निधन की खबर के बाद शिमला जिला के कई इलाकों में बाज़ार बंद रखे गए हैं।
वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह आज उनके निजी आवास होलिलॉज में रखी गयी है। कल सुबह 9 से 12 बजे उनका शव लोगों के दर्शन के लिए रिज मैदान पर रखा जाएगा जबकि उसके बाद 12 से 1 बजे तक कांग्रेस मुख्यालय – राजीव भवन में रखा जाएगा। फिर पार्टीःव देह को उनके गृह क्षेत्र रामपुर बुशहर ले जाय जाएगा। अंतिम दर्शन के बाद 10 जुलाई को 3 बजे रामपुर बुशहर में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्रियों प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कई केंद्रीय नेताओं और अन्य गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है। याद रहे वीरभद्र सिंह को राजनीति में जवाहर लाल नेहरू लेकर आए थे। खुद वीरभद्र सिंह अपने भाषणों में इस बात को याद करते थे। वीरभद्र सिंह नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह तक की सरकारों में मंत्री रहे। वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे।
वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए। उसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी चुने गए। वीरभद्र वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे।