चुनाव से पहले ज़ुबानी जंग शुरू

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली की सियासत अपने रंग में दिन-ब-दिन रंगती जा रही है। भले ही विधानसभा चुनाव को लेकर अभी लगभग तीन महीने का समय बचा हो, पर राजनीतिक दलों के नेता अभी से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लग गये हैं। मौज़ूदा समय में दिल्ली की सियायत में आप पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला दिख रहा है। इस बार कांग्रेस पार्टी भी विधानसभा चुनाव में खोये हुए जनाधार को वापस लाना चाहती है और ज़्यादा से ज़्यादा सीटें जीतकर विधानसभा में उपस्थिति दर्ज कराना चाहती है; क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था। इन्हीं तमाम पहलुओं पर रिपोर्ट-

इस समय दिल्ली में वायु प्रदूषण और दूषित पानी को लेकर आप पार्टी भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर रही है। दोनों ही दल पानी पी-पीकर आम आदमी पार्टी को को कोस रही हैं। इतना ही नहीं वायु प्रदूषण को लेकर भी दोनों ने आम आदमी पार्टी पर जमकर निशाना साधा था। वायु प्रदूषण पर भाजपा ने कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ऑड-ईवन को लागू करके दिल्लीवासियों को परेशान कर रहे हैं।

इधर, कांग्रेस पार्टी पानी और वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार को •िाम्म्मेदार मान रही है। कांग्रेस का कहना है कि जल और वायु प्रदूषण पर ध्यान न देकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि दिल्लीवासियों से आप पार्टी ने जो चुनाव में वादे किये थे, उनको पूरा किया है। उनका कहना है कि आप सरकार के प्रति जनता में विश्वास बढ़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है; ऐसे में कभी वायु प्रदूषण, तो कभी दूषित पानी को लेकर भाजपा नेता बेवजह के आरोप लगा रहे हैं; लेकिन उसको कुछ हासिल होने वाला नहीं है। क्योंकि दिल्ली की जनता को और किराये पर रहे लोगों को बिजली-पानी की जो सुविधा दी गयी है, उससे वह खुश है। केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने पानी के नाम पर, जो राजनीति की है, उससे जनता समझ चुकी है कि आप पार्टी के विरोध में विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। ऐसे में झूठे आरोपों से भाजपा को कुछ हासिल होने वाला नहीं है।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह का कहना है कि पार्टी के पास मुख्यमंत्री के नाम को लेकर न पहले दिक्कत थी, न आज है। केजरीवाल ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं; वे ही दोबारा दिल्ली के मुखयमंत्री होंगे। भाजपा के पास मुख्यमंत्री के नाम को लेकर तनिक भी ठोस दावे ही नहीं हैं। इतना ज़रूर है कि केन्द्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने एक कार्यक्रम में भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नाम की घोषणा की ही थी कि भाजपा में कोहराम मच गया; तुरन्त नाम वापसी हुई कि मनोज तिवारी मुख्यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। हालाँकि आप पार्टी ने भाजपा पर चुटकी लेते हुए मनोज तिवारी को बधाई भी दी हैै। संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली में सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा नाम को लेकर अभी से विचलित है, तो चुनाव मैदान में किसके नाम पर जनता से वोट माँगेगी? उन्होंने कहा कि दूषित पानी के नाम पर जिस तरीके से केन्द्र और भाजपा आप पार्टी को घेरना चाहती थी, अब वह खुद ही घिर गयी है। आप पार्टी के नेता और दिल्ली वाले दिल्ली जलबोर्ड का पानी पी रहे हैं। कहीं कोई दूषित पानी नहीं है। अगर कुछ दूषित है, तो वह है विपक्ष की राजनीति।

इधर, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली के लोगों के साथ मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पानी के नाम पर धोखा किया है। इसका जवाब दिल्ली जनता विधानसभा चुनाव में देगी। दिल्लीवासियों का जीवन दिल्ली सरकार ने नरक कर दिया है। दूषित पानी पिला-पिलाकर केजरीवाल सरकार जनता के स्वास्थ्य के साथ विश्वासघात कर रही है। लोग पानी पीकर बीमार हो रहे हैंं। भारतीय मानक ब्यूरो ने जब पानी को दूषित पाया, तो केजरीवाल बात मानने को तैयार ही नहीं हैं। ऐसे में भाजपा दावा करती है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही सारी माँगों और जनता की जो परेशानी है, उनको दूर करेगी; क्योंकि लोगों का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है। इस समय दिल्ली में ज़मीनी स्तर पर केजरीवाल सरकार कुछ नहीं कर रही है, बल्कि जनता को ठगने नाम पर मार्च तक मुफ्त में कुछ चीज़ों का झुनझुना दिखा रही है, जो चुनाव बाद सब गायब हो जाएगी।

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने बताया कि दिल्ली में इस बार कांग्रेस अपने खोये हुए जनाधार को वापस लाने के व्यापक जनसम्पर्क अभियान चलाये हुए है और कांग्रेस ने जो दिल्ली में विकास किया है, जिसको आप पार्टी ने दिल्ली में ध्वस्त कर दिया है। उसको जनता जान रही है, ऐसे में अब दिल्ली वालों से जब कांग्रेसी कार्यकर्ता मिलते हैं, तो वो कहते हैं कि कांग्रेस के समय में दिल्ली में पुलों और सड़कों का जो विकास किया जा रहा था, वह अब ठप्प पड़ा है। वहीं केन्द्र में एनडीए सरकार ने देश में जो तोडफ़ोड़ का माहौल बनाया है, उससे जनता काफी दु:खी है। सुभाष चोपड़ा का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस असफल रही थी। जनता अब मान चुकी है कि दिल्ली ही नहीं सारे देश में कांग्रेस ही सही मायने में विकास और भाईचारे की राजनीति करती रही है।  दिल्ली के चुनाव को लेकर ‘रोडमैप टू विन इलेक्शन इन लास्ट ऑवर’ के प्रमुख व लेखक सुनील मिश्रा का कहना है कि दिल्ली मेें चुनाव को लेकर बयानबाज़ी का दौर चल रहा है; परन्तु यह स्पष्ट है कि जिस तरीके से आम आदमी पार्टी चुनाव पूर्व फ्री की रेवडिय़ाँ बाँट रही है, उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वह चुनाव में पहले जैसी स्थिति में नहीं है।

इस बार चुनाव में काफी कुछ बदले हुए परिणाम सामने आएँगे। सुनील मिश्रा का कहना है कि भाजपा को ही नहीं, सभी पाटियों को यह समझना चाहिए कि लोक सभा और विधान सभा के चुनावों में काफी अन्तर होता है। िफलहाल इस बार चुनाव में कांग्रेस और भाजपा काफी बढ़त वाली स्थिति में होंगी।

िफलहाल देश की राजनीति कांग्रेस और भाजपा के बीच में है। ऐसे में अगर ये दोनों पाटियाँ मुकाबले वाला चुनाव लड़ती हैं, तो परिणाम काफी चौंकाने वाले सामने आएँगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की बढ़त वाली बात उन्होंने कही थी, जो सत्य साबित हुई है। वहीं आम लोगों की राय देखें, तो अधिकतर लोग आम आदमी पार्टी की सराकर से काफी सन्तुष्ट हैं। इसलिए भाजपा और कांग्रेस के लिए दिल्ली जीत पाना इतना आसान नहीं होगा।