चिराग का मोदी को चैलेंज, चाचा को मंत्री बनाया तो कोर्ट जाऊंगा

लोक जनशक्ति पार्टी यानी लोजपा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके चाचा को केंद्र में मत्री बनाते हैं तो उनके खिलाफ वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे चिराग पासवान ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोजपा कोटे से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया, तो मैं कोर्ट जाऊंगा।
चिराग पासवान ने दावा किया कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं हूं। उन्होंने कहा कि समर्थन भी मेरे पास है। मेरी अनुमति के बिना, पार्टी के कोटे से किसी भी सांसद को मंत्री बनाना गलत होगा। बता दें कि इससे पहले पार्टी दो फाड़ हो चुकी है और चिराग के चाचा पारस ने खुद को पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित घोषित करने के साथ ही संसदीय दल का नेता भी बना दिया है। इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इसे सहमति दे दी है, लेकिन अभी मामला चुनाव आयोग और अदालत तक पहुंचना तय माना जा रहा है।
चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी में दावेदारी के विवाद के बीच अगर ऐसे सांसद को मंत्री बनाया जाता है, जिसे पार्टी निकाल चुकी है तो यह गलत होगा। मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसा करेंगे। अगर ऐसा हुआ तो मैं राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चाचा पशुपति पारस को मंत्री बनाना है, तो जदयू में शामिल करके बनाएं, लेकिन लोजपा के नाम पर नहीं।
चिराग ने दावा किया कि मोदी कैबिनेट में विस्तार के बाद सबसे पहली टूट जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू में होगी। नीतीश कुमार की सरकार डेढ़-दो साल से ज्यादा नहीं चलेगी। उन्होंने कहा कि रामविलास के विचारों को कुचलते हुए जिन लोगों ने अलग गुट बनाया, उन्हें तुरंत निष्कासित किया गया है। उनकी प्राथमिक सदस्यता भी खत्म की गई है। चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी दी गई है।
चिराग ने का कि लोजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कुल 75 सदस्य हैं। इसमें 66 सदस्य हमारे साथ हैं। सभी का ऐफिडेविट भी हमारे पास है। इस बात पर मैं चुनाव आयोग और कोर्ट, दोनों ही जगहों पर चुनौती दे सकता हूं। क्योंकि, चाचा पशुपति कुमार पारस के पास कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने पटना में चुपके से बैठक कर खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर तो दिया, लेकिन इस बारे में चुनाव आयोग में कोई क्लेम नहीं किया और न ही खुद को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया।