चर्च के फादर बनते बनते एक ट्रेड यूनियन लीडर बन गये जॉर्ज फर्नांडिस

फाॅर्मर डिफेंस मिनिस्टर जॉर्ज फर्नांडिस की मौत के साथ एक ऐसे जुझारू व्यक्ति का निधन हो गया जो बचपन में चर्च में फादर बनना चाहता था लेकिन बन गया लीडर। एक ऐसा मजदूर नेता जिसकी एक आवाज में मुंबई बंद हो जाती थी, जिसने लंबे समय तक रेलवे का चक्का जाम करवाया और बाद में उसी रेलवे की मिनिस्ट्री संभाली ,डिफेंस मिनिस्ट्री के दौरान कारगिल की लड़ाई और पोखरण परमाणु परीक्षण से पाकिस्तान और अमेरिका की सोच बदल कर रख दी।
1930 में कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज ने चर्च में फादर बनने का विचार इसलिए छोड़ दिया  था क्योंकि वह चर्च के ढकोसलों से चिढ गए थे 16-17 साल की उम्र में। उस 18 साल कीउम्र में जब वे मुंबई आए तो उन्हें चौपाटी के बेंच पर सोना पड़ता था। उनका विद्रोही स्वभाव उन्हें मजदूरों के संगठनों से जोड़ता चला गया। वे समाज वादी लीडर राम मनोहर लोहिया से प्रेरित थे ।
यह पचास का दशक था बिखरे बाल,ऐनक,गमछा, खादी का फटा हुआ कुर्ता पायजामा,घिसे हुए चप्पल पहना हुआ एक  युवक  मुंबई की सड़कों पर रहने वाले गरीबों का हिरो बन कर छा गया। मुंबई के टैक्सी ड्राइवर यूनियन के लीडर बनने की शुरुआत के साथ ही वह आम आदमी की परेशानियों को दूर करने वाले  मसीहा के तौर पर उभरा। जब उसने 1967 में कांग्रेस के नेता एस के पाटिल को लोकसभा इलेक्शन में पटखनी दी तो वह कहलाया ‘जॉर्ज द जायंट किलर’।
1974 में रेलवे मजदूरों की ऐतिहासिक हड़ताल ने नेशनल ट्रेड यूनियन लीडर के तौर पर स्थापित कर दिया। अगले साल इमरजेंसी के दौरान एक बार फिर हीरो बनकर उभरे जार्ज। उनके खिलाफ लंबी कानूनी कार्रवाई चली। इंदिरा गांधी के सत्ताच्युत होने के साथ-साथ नई सरकार में वह एक कद्दावर पॉलीटिकल लीडर बने और साथ ही मिनिस्ट्री का हिस्सा भी।
मुंबई की सड़कों से घिसे हुए चप्पल और फटे हुए कुर्ते से अपनी जिंदगी शुरू करने वाले जॉर्ज ने मोहब्बत की तो एक यूनियन मिनिस्टर की बेटी से। प्यार का परवान चढ़ा और लैला कबीर से शादी हो गई । कहा जाता है कि उनकी जिंदगी में जया जेटली की एंट्री ने लैला और जॉर्ज अलग-अलग कर दिया वह अपने बेटे शाॅन के साथ अमरीका चली गईं। 2010 में जब जॉर्ज अल्जाइमर और पर्किंसस से जूझ रहे थे लैला लौट आई और अंतिम सांसों तक अपने मोहब्बत के रिश्ते को निभाती रहीं।
हिंदी,अंग्रेजी,तमिल,मराठी,कोंकणी,कन्नड,उर्दु,मल्याम, तुलू, और लॅटिन लगभग 10 भाषाओं पर वर्चस्व रखने वाले जॉर्ज की जिंदगानी  बॉलीवुड के किसी फंतासी फिल्म से कम रोचक नहीं है।