गुजरात में पत्नी के इलाज के लिए बेटे को रखा गिरवी

देश के सबसे विकसित राज्यों में शुमार गुजरात की एक घटना ने संवेदनशील लोगों को झकझोर दिया है। यहां के विकास को लेकर राज्य सरकार अक्सर वाहवाही लूटने के लिए करती रहती है। पर पर्दे के पीछे सच्चाई कुछ और ही नजर आ जाती है। ताजा मामला अरावली जिले का है जहां पर एक शख्स के पास पत्नी का इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे।
दूसरी ओर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा वाली आयुष्मान जैसी योजनाओं का खूब बखान किया जाता है। लेकिन जब इस शख्स को कहीं से मदद नहीं मिली तो उसने मजबूरी में अपने बेटे को 10 हजार रुपये में गिरवी रख दिया। उसने अपने बेटे को जानवर पालने के काम पर लगवा दिया।
उत्तर गुजरात के मालपुर क्षेत्र के वांकानेडा गांव में एक परिवार रहता है, जिसमें पांच लोग हैं। यह परिवार एक अस्थायी झोपड़ी में रहता है। बच्चों की मां को हृदय संबंधी बीमारी है। आर्थिक तंगी के चलते परिवार को काई उपाय नहीं सूझा। परिवार के पास बेटे के अलावा पैसों का इंतजाम करने के लिए कुछ नजर नहीं आया। इसलिए कलेजे पर पत्थर रखकर उन्होंने बेटे को गिरवी रख दिया।
अपनी घर वाली के इलाज की जरूरतों को पूरा करने के लिए 12 साल के बेटे को भेड़-बकरी चराने के लिए एक परिवार को सौंप दिया। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए बच्चे को छुड़ाकर चाइल्ड होम भेज दिया। अधिकारियों का कहना है कि बच्चे के रहने और शिक्षा के साथ-साथ उसकी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। मामले में अधिकारियों ने दोनों पक्षों को तलब किया। इसके साथ ही इलाज की व्यवस्था शायद अब उस जरूरतमंद की हो सके।