गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से मरने वालों की संख्या 140 के पार, कई घायल

गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से हुए हादसे में अब तक 140 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी हैं। यह हादसा रविवार देर शाम तब हुआ जब बड़ी संख्या में लोग इसके ऊपर छुट्टी के दिन मस्ती के लिए थे। करीब 140 साल पुराने इस पुल को पांच दिन पहले ही मरम्मत के बाद खोला गया था।  रेस्क्यू जारी है। आरोप हैं कि बिना जांच के ही पुल को जनता के लिए खोल दिया गया जो हादसे का कारण बना। सरकार ने हादसे के जांच आदेश दिए हैं।  जिला प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए 02822243300 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

अधिकारियों के मुताबिक हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए चार दिन पहले ही फिर से खोले गए इस पुल पर लोगों की काफी भीड़ थी। उन्होंने बताया कि पुल शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया जिससे 400 के करीब लोग नदी में में जा गिरे। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक 140 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भारतीय नौसेना के 50 कर्मियों के साथ एनडीआरएफ की 3 प्लाटून, भारतीय नौसेना के 30 जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब पुल टूटकर गिरा तब उस पर कई महिलाएं, बच्चे और अन्य लोग थे, जो नीचे पानी में गिर गए। दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण पुल पर पर्यटकों की भीड़ थी। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था और 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए इसे फिर से खोला गया था।

ये पुल हाल में ही करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से दोबारा तैयार किया गया था।  दिवाली पर इसे आम जनता के लिए खोला गया था।  जिला प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए 02822243300 ये हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इसके अलावा घायलों के इलाज के लिए मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है।

इस बीच केंद्र सरकार ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के निकट परिजनों को पीएमएनआरएफ के तहत दो लाख रुपए देने की घोषणा की है। वहीं प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये दिए जाएंगे, जबकि राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपए और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये का मुआवजा देगी।

रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ औरएनडीआरएफ की टीमें मौजूद घटनास्थल पर हैं।  मोरबी सस्पेंशन ब्रिज घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है।  इसने राजकुमार बेनीवाल, आईएएस नगर प्रशासन आयुक्त श्री केएम पटेल, मुख्य अभियंता गुणवत्ता नियंत्रण), गोपाल टैंक, एचओडी स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, एलडी इंजीनियरिंग कॉलेज, अहमदाबाद, संदीप वसावा, सचिव सड़क और भवन, सुभाष त्रिवेदी, आईजी- सीआईडी क्राइम को जिम्मेदारी दी गई है।