गायब हो रहे दिल्ली के जौहड़

एक ओर तो सरकार जल, जगल और ज़मीन बचाओ अभियाान चला रही है। तमाम दावे कर रही है कि प्राचीन विरासतों को यथासम्भव बनाये रखा जायेगा।  लेकिन ज़मीनी स्तर पर ज़मीन के साथ किस कदर खिलवाड़ हो रहा है, इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली सरकार के आला अफसर जौहड़ों, तालाबों और जंगलों की ज़मीन को एलाउटमेंन्ट करने में लगे हैं। इसके कारण ज़मीन का संकट दिल्ली के •यादातर गाँवों में गहराता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में कंक्रीट के जंगलों, कुओं, तालाबों और जौहड़ों के अस्तित्व को समाप्त कर रहे हैं। इनके अस्तित्त्व को बचाने के लिए समाजसेवियों ने आवाज़ भी उठायी है और अदालत का दरवाज़ा भी खटखटाया है। वाबजूद इसके अभी तक इस मामले में कार्रवाई के तौर पर कुछ भी नहीं हुआ है, बल्कि बदस्तूर कब्ज़ा करने का सिलसिला जारी है। दिल्ली के बुराड़ी गाँव में तो हालत यह है कि  बुराड़ी गढ़ी, शक्ति एन्क्लेव, तोमर कॉलोनी के प्राचीन जौहड़ों की ज़मीन पर भू-माफिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से साँठ-गाँठ करके कब्ज़ा कर रहे हैं। राजस्व विभाग के कर्मचारी ने बताया कि सरकार के कई बार सख्त रवैया के बाद भी राजस्व विभाग के आला अधिकारी अपनी मन की करते हैं और जौहड़ों की ज़मीन  पर कंक्रीट की बहु-मंजिला इमारत बना रहे हैं। इस बारे में बुराड़ी एकता एन्क्लेव आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राम अवतार त्यागी ने बताया कि वह लगभग एक दशक से जौहड़ बचाओ अभियान की मुहिम लगे हैं। उन्होंने अदालत का दावाज़ा खटखटाया, अधिकारियों और भू-माफिया के िखलाफ लिखित में शिकायतें भी की है। लेकिन किसी के िखलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से जौहड़ों की ज़मीन पर अब भी कब्ज़ा हो रहा है। यहाँ के निवासियों ने सरकार और राजस्व विभाग की नीतियों विरोध में कई बार प्रदर्शन भी किये हैं। फिर भी कुछ भी नहीं होने से लोगों में सरकार के प्रति में  गुस्सा है।

राम अवतार त्यागी ने बताया कि 2011 में राजस्व अधिकारियों की शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक से की। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने 2013 में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की अदालत का आदेश 31 अक्टूबर को आया कि जौहड़ों की ज़मीन को भू-माफिया से मुक्त किया जाए; पर ऐसा नहीं हुआ। अधिकारी अपनी मनमर्ज़ी पर लगे रहे और कब्ज़ा जारी रहा। फिर उन्होंने अदालत के आदेश की अवमानना का मामला भी दायर किया, तो उसका असर ये हुआ कि काम तो रुक गया और अधिकारियों ने कार्रवाई के तौर पर कुछ नहीं किया। अब फिर से भू-माफिया राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जौहड़ों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली सरकार के अधिकारियों को न तो अदालत के आदेश का डर है और न ही सरकार का; वे लगातार ज़मीन पर कब्ज़ा करने में लगे हैं। स्थानीय निवासी प्रियरंजन ने बताया कि बड़ा ही दु:खद है कि एक ओर तो दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने का दावा करती है; पर उसी के अधिकारी जल, जंगल और ज़मीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा करने में लगे हैं। शिकायत करने वालों को डराया और धमकाया जाता है। ऐसे में दिल्ली की प्राचीन विरासत लुप्त होती जा रही है।