गहरी पीड़ा और ग़म

प्रख्यात कवि जॉन डन ने एक बार कहा था, ”महान लोग खामोशी से गुजर जाते हैं।”

हंदवाड़ा मुठभेड़ में देश ने अपने पांच वीर खो दिए हैं – कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश, लांस नायक दिनेश और सब-इंस्पेक्टर शकील काज़ी। एक बहुत ही गंभीर और विचलित कर देने वाली खबर।

अफसोस की बात है कि अभिनेता इरफान खान और ऋषि कपूर के निधन की खबर आते ही कुछ ही मिनट के भीतर, सोशल मीडिया ”रेस्ट इन पीस” (आपकी आत्मा को शांति मिले) के संदेशों से भर गया। इसमें व्हाट्सएप स्टेटस, फेसबुक टाइमलाइन पोस्ट्स, ट्वीट्स, इंस्टा स्टोरीज और क्या-क्या शामिल नहीं थे। जबकि हंदवाड़ा मुठभेड़  कई घंटे पहले शुरू हो गयी थी, जिसमें हमने अपने पांच सैनिक खो दिए, लेकिन मुझे अभी तक कोइ भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ”आरआईपी” डालते नहीं दिखा। यह हमारे देशवासियों की गलत प्राथमिकताओं की तरफ संकेत करता है।

बड़े मीडिया घराने भी इसी गलत सोच के शिकार हैं। उन्होंने पूरे दिन बॉलीवुड सितारों की मौत की खबर चलाई, जबकि सैनिकों की शहादत की खबर एकाध बार चलाकर भूल गए। जनता वही देखती है जो उसे परोसा जाता है, और टीवी चैनल वही दिखाते हैं, जो जनता को भाता है। इसलिए मेरी प्रिय जनता, आप देखने की आदतें बदलें, समाचार एजंसियां खुद ही बदल जाएंगी।

कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश, लांस नायक दिनेश और सब-इंस्पेक्टर शकील काज़ी, हम 14.5 लाख वर्दीधारी जवानों के साथ इस कठिन घड़ी में आपके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आपकी अनश्वर आत्मा देशवासियों के आशीर्वाद या इसके बिना स्वर्ग जा रही है। आपकी आत्मा निश्चित ही शांति में होगी, क्योंकि आपके बलिदान की तुलना में और कोइ बड़ा बलिदान नहीं।

प्रिय भारतीयो ! अभिनेता आएंगे, आपका मनोरंजन करेंगे, करोड़ों कमाएंगे, अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करेंगे और फिर पूरा जीवन जीने के बाद चले जाएंगे। एक विचार इन सैनिकों के लिए अपने मन में पैदा करो, जो अपनी उम्र के 20वें, 30वें या 40वें वर्ष में ही हैं और अपने परिवारों को बिलखता छोड़ गए हैं। हम इस तथ्य के अभ्यस्त हो गए हैं कि उनकी नियती ही मर जाना है। सच्चाई यह है कि इन वर्षों में हम इस सोच के आदी हो गए हैं।

आप मेरा विश्वास करें, आप एक महीने (लॉकडाउन) से अधिक समय तक बिना किसी एक फिल्म के रिलीज हुए जिए हैं, लेकिन यदि अग्रिम पंक्ति के यह योद्धा सीमा पर न हों, आप एक दिन भी नहीं रह पाएंगे। इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, रील लाइफ और रियल लाइफ के हीरो के बीच अंतर को पहचानने की कोशिश करें !