गठन और गांठें

देश की राजनीति का बदलने लगा मौसम

लोकसभा चुनाव को चार ही महीने बचे हैं और देश की राजनीति का मौसम बदलने लगा है। आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा गुरूवार को  कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर यूपीए के हो गए और उनके राज्य बिहार के ही चिराग पासवान ने एनडीए के अपने बॉस पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर जानना चाहा है कि नोटबंदी के क्या फायदे हुए, यह देश को बताएं।
तीन बड़े राज्यों में भाजपा की हार से भाजपा नेतृत्व वाले (एनडीए) के सहयोगी परेशानी से भरने लगे हैं। कुछ निराशा भी है उनमें। नहीं होती तो एलजेपी के चिराग पासवान लोकसभा चुनाव से कुल जमा चार साल पहले नोटबंदी को लेकर पीएम से सवाल नहीं पूछते क्योंकि नोटबंदी का फैसला, कहा जाता है, सिर्फ पीएमओ से निकला फैसला था।
गुरूवार को देश की राजनीति की घटनाएं इशारा करती हैं कि राहुल का यूपीए अपना ”गठन” कर रहा है और मोदी-शाह के एनडीए की ”गांठें” या तो उलझ रही हैं या ”खुल” रही हैं।
तीन राज्यों में हार के बाद अभी तक अपने सहयोगियों पर ”लगाम” रखने वाली भाजपा, चिराग पासवान की नोटबंदी वाली जवाबतलबी से इतनी भयभीत हो गयी कि आनन-फानन अपने महासचिव भूपेंद्र यादव को एलजेपी के मुखिया रामविलास  पासवान और पार्टी में उनके ताकतवर पुत्र चिराग पासवान की मनुहार कर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर लिवाने का जिम्मा सौंपा।
बात की गंभीरता और भाजपा की चिंता इस तथ्य से समझी जा सकती है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बैठक में ख़ास तौर पर आये। गुरूवार शाम इस बैठक में सीटों को लेकर क्या हुआ, इसकी खबर बाहर आनी अभी बाकी है। यह अभी तय नहीं कि देश के लोकसभा चुनाव की ”हवा” पहले ही भांप जाने वाले राम विलास पासवान का अभी क्या रुख होगा।
बता दें पासवान साहब को राजनीतिक हलकों में ”चुनाव का मौसम विज्ञानी” कहा जाता है। ऐसे में पासवान एनडीए को लेकर ”नकरात्मक” रुख दिखाने लगे हैं तो भाजपा खेमे में चिंता होना स्वभाविक ही है। उसे पता है कि पासवान को ज़्यादा चिठियाँ लिखनी दी गईं तो देश में भाजपा-एनडीए के खिलाफ माहौल बनते देर नहीं लगेगी जो तीन राज्यों में भाजपा की हार से पहले ही गड़बड़ा चुका है।
कांग्रेस हेडक्वार्टर पर गुरूवार को उपेंद्र कुशवाहा के साथ बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वरिष्ठ नेता शरद यादव और आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव  मौजूद थे। कुशवाहा ने भाजपा के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार को भी जमकर कोसा। उन्होने अपनी बेइज्जती करने और उनकी पार्टी तोड़ने  कोशिशों का आरोप भी दोनों (भाजपा-नीतीश) पर लगाया।