कोरोना से निपटने को अकेले लॉकडाउन कारगर नहीं

-डब्ल्यूएचओ ने कहा, कई और कदम उठाने होंगे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए महज  लॉकडाउन कारगर नहीं है। इनके लिए दूसरे अहम कदम भी तत्काल उठाने होंगे।  इसकी वैक्सीन को बाजार में आने में कम से कम एक साल का समय लग सकता है। लॉकडाउन हटने के बाद वायरस तेजी से न फैले इसके लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और दुरुस्त बनाये जाने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ की इस चेतावनी को उन देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिन देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था बेहद खस्ता है, इसमें भारत भी शामिल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में महज 40 हज़ार वेंटिलर हैं।
डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ आपात व्यवस्था के विशेषज्ञ माइक रेयान ने कहा, हमें  लॉकडाउन से इतर ऐसे लोगों को तलाशने पर जोर देने की जरूरत है, जो वायरस से संक्रमित हैं। हमें उन्हें अलग-थलग (क्वारन्टीन) करने की जरूरत है। इस पर गंभीरता से काम करना होगा। वर्ना हालात कहीं ज़्यादा भयावह हो सकते हैं।
रविवार के जनता कर्फ्यू को भी देशभर में कई जगह लोगों ने मजाक बना कर रख दिया। बसों में छतों पर तो बहुत जगह भीड़ में सड़कों पर उतरकर लोग ताली और थाली बजाते नज़र आये।
चीन और अन्य एशियाई देशों की तरह यूरोप और अमेरिका ने भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए नए प्रतिबंध लगाए हैं।  ज्यादातार लोगों को घरों से काम करने को कह दिया गया है। स्कूल, बार, पब और रेस्तरां बंद कर दिए गए हैं। रेयान ने कहा कि चीन, ‘सिंगापुर और दक्षिण कोरिया का उदाहरण यूरोप के लिए एक मॉडल साबित हुआ है, हालांकि इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने ही एशिया को कोरोना वायरस का केंद्र बताया था।
रेयान ने कहा, एक बार वायरस के फैलाव को नियंत्रित करने के बाद हमें वायरस के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। विश्व में कोरोना से सर्वाधिक इटली प्रभावित हुआ है, स्पेन में भी हालात बेहद खराब हैं। अब ब्रिटैन और अमेरिका में यह तेज़ी से फील रहा है। के ले राविवार को अमेरिका में 14000 नए मामले सामने आए। इनमें एक सांसद भी शामिल है। जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल भी आइसोलेशन में चली गई हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी है कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य व्यवस्था तब तक दुरुस्त नहीं हो सकती जब तक लोग सोशल डिस्टेंसिंग पर खुद अमल नहीं करते।
बता दें कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सहित दुनियाभर में लॉकडाउन यानी देशों को पूरी तरह बंद करने का रास्ता अपनाया जा रहा है। राविवार को अकेले 100 करोड़ से ज़्याद लोग घरों में कैद रहे। भारत में दिल्ली समेत करीब आधे देश में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है।