कोरोना से ठीक हुये मरीजों को हो रही दिक्कत , डाक्टरों ने काउंसिल पर बल दिया

एक ओर तो दिन व दिन कोरोना का कहर शहरों और गांवों में तेजी से फैलता जा रहा है । जो इस समय की भयंकर समस्या ,लोगों में डर का कारण बनी हुई है । वहीं जो लोग कोरोना से ठीक होकर घरों में आये है उनको भी अब स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही है।डाक्टरों का कहना है कि देश – दुनिया में नया कोरोना वायरस है। ऐसे में अभी तक इसकी कोई पुख्ता दवा या वैक्सीन सामने नहीं आयी है।ऐसे में काउंसिल के माध्यम से काफी हद तक रोका जा सकता है । वैसे भी, डाक्टर्स इलाज कर ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सही कर रहे है।डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना से डरे नहीं । बल्कि इसका इलाज करवाये। रही बात परेशानी की तो जिनको हार्ट , लीवर, किडनी और मधुमेह सहित अन्य बीमारी है उनको दिक्कत हो रही है तो वे अपना इलाज डाक्टरों से करवाते रहे। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि जब, कोई भी किसी भी बीमारी की चपेट में आता है ,तो स्वाभाविक है। कि उसे तनाव और अवसाद जैसी दिक्कते होती है। हार्ट के रोगी को अगर कोरोना है तो निश्चित तौर पर उसको सावधानी बरतनी चाहिये । जैसे मधुमेह और उच्चरक्तचाप जैसी बीमारी घातक हो सकती है।हार्ट रोगी नियमित जांच करवायें ।अगर वायें हाथ  और जबडें में दर्द के साथ घबराहट हो तो उसे नजरअंदाज ना करें क्योंकि ये हार्ट रोग के ही लक्षण है। जाने –माने आर्युवेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी का कहना है कि कोरोना काल में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य कि चिंता करनी चाहिये। खासकर गर्भवती महिलाओं को । कोरोना वायरस की चपेट में आयी गर्भवती महिलायें लापरवाही के कारण उनके गर्भ में पल रहे बच्चें को भी कोरोना होने की संभावना रहती है। इसलिये नियमित जाच करवायें और सावधानी बरतें।उनका कहना है कि कोरोना से ठीक होकर गय़े मरीज काफी ऐसे है जो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे है। नेशनल मेडिकल फोरम के चैयरमेन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि इस समय लोगों में ये दुविधा है कि कोरोना  का पुख्ता इलाज अभी नहीं है। सो लोगों में एक डर है। ऐसे में सरकार का दायित्व बनता है कि लोगों के बीच एक व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाकर और उन मरीजों की कांउसिल करें जो कोरोना से ठीक होकर घरों में गये है। जांच का दायरा शहरों के साथ-साथ गांवों में भी बढाये क्योंकि अब गांवों में  कोरोना का कहर काफी तेज गति से बढ रहा है और गांवों में पहले ही स्वास्थ्य सेवाओं लचर है।