कोरोना से ज्यादा चालान काटे जाने का डर सता रहा है दुकानदारों को

अजीब बिडम्बना है, एक ओर तो सरकार कहती है कि बाजारों को खोला जाये, ताकि देश की अर्थव्यवस्था का सुधार हो और लोगों का जीवन–यापन सामान्य रूप से चल सकें । पर वहीं सरकार के अनदेखी के चलते बाजारों लाल फीता शाही के कारण दिल्ली के दुकानदार डरे हुये है, कि उनका चालान ना काट दिया जाये।

तहलका संवाददाता को दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट के व्यापारियों ने बताया कि दिल्ली में वैसे ही कोरोना के मामले बढ़ रहे है। लोगों में डर है और आर्थिक तंगी के कारण लोग बाजारों में खरीददारी से बच रहे है। फिर भी दुकानदार अपनी इसी उम्मीद से दुकान खोल रहे कि ग्राहक आयेगे। इस समय सरोजनी नगर के व्यापारियों को कोरोना के साथ –साथ पुलिस और अफसरों से बढ़ा डर लगता है कि कहीं उनकी दुकान का चालान इस बात पर ना काट दिया जाये कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है।

सरोजनी नगर मार्केट के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि सरोजनी नगर मार्केट में एनडीएमसी के अधिकारी, पुलिस , और स्थानीय अधिकारी आकर दुकानदारों का चालान इस बात पर काट कर चले जाते है कि दुकानदार ने मास्क नहीं पहना है दुकान में ग्राहकों की भीड़ से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना किया गया । जिससे कई दुकान दारों के 6-6 हजार रूपये के चालान काटे गये । तो कई के 3-3 हजार के चालान काटे गये । इसके कारण यहां के व्यापारियों में रोष है।

व्यापारियों का कहना है कि सरकार व्यापारियों के साथ मजाक कर रही है। उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। वैसे ही दुकानदारी चल नहीं रही है । उस पर चालान का काटा जाना ठीक नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो दुकानदार अपनी दुकानबंद कर घरों में बैठेगा या फिर अफसरों की तानाशाही के विरोध में प्रदर्शन करने को मजबूर होगा।अशोक रंधावा का कहना है कि दुकानदार सारी शर्तो के साथ ही दुकान पर बैठता है ,जैसे मास्क लगाकर बैठना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और सेनेटाईज करना । फिर भी चालान का काटा जाना , गलत है।