कोरोना टेस्ट को 45 मिनट में करने में सक्षम 10 मशीन अटकी टेंडर प्रक्रिया में

आज, देश भर में कोरोनों ग्रस्तों की संख्या बढ़ रही है और महाराष्ट्र में भी स्थिति खराब हो रही है। इस समय, स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीन, जो 45 मिनट के भीतर परिणाम देती है, यह मशीन टेंडर प्रक्रिया में फंस गई हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा मशीन को खरीदने पर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई हैं। उन्होंने चीफ मिनिस्टर उद्धव बालासाहेब ठाकरे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और संबंधित अधिकारियों को भेजे एक पत्र में लिखा हैं कि राज्य भर में 10 स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीनों की खरीद के लिए हाफकिन बायोफर्मासिटिकल कॉर्पोरेशन (लिमिटेड) द्वारा 14 मार्च, 2020 को ई-टेंडर जारी किया गया था, जिसे 27 मार्च, 2020 को तय किया जाना था। 15 लाख ऐसी अंदाजन रकम एक मशीन की हैं और ऐसी 10 मशीन की आवश्यकता महाराष्ट्र राज्य को हैं।

एक बार में 24 नागरिकों का परीक्षण करने में सक्षम एक मशीन 45 मिनट में रिपोर्टिंग करने में सक्षम है। आज, रिपोर्ट उपलब्ध नहीं होने के कारण, पूरी प्रक्रिया 2 से 3 दिनों तक प्रलंबित रहती है और रिपोर्ट समय पर प्राप्त नहीं होने के कारण तनाव भी बढ़ जाता है। अनिल गलगली का कहना हैं कि मंत्रालय द्वारा हाफकिन को तुरंत धन हस्तांतरित किया जाना चाहिए लेकिम मंत्रालय में बैठे अफसर ढिलाई बरती जा रही हैं।

गलगली  ने मांग की है कि सभी 10 स्वचालित आरएनए शोधन प्रणाली मशीनों का टेंडर ताबड़तोड़ खोला जाए ताकि इस मशीन से राज्य की जनता लाभान्वित हो।