कोरोना को काबू करना है तो भीड़ को काबू करें, दो हजार के जुर्माना से कुछ नहीं होगा

कोरोना महामारी में लोग भले ही आशंकित और डरे हुये है कि कोरोना का कहर उनको कोई दिक्कत में ना डाल दें, पर हकीकत उल्टी है। दिल्ली –एनसीआर के लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि कोरोना को लेकर सरकार जनता के साथ भद्दा मजाक कर रही है। क्योंकि एक ओर तो सरकार बिना मास्क पहने लोगों पर दो हजार का जुर्माना ठोंक रही है। जिससे लोग काफी परेशान है।

लोगों का कहना है कि रात में जो कफर्यू लगाया जा रहा है। जिसका कोई औचित्य नहीं है। अगर सरकार को कफर्यू ही लगाना है तो दिन में लगाये अन्यथा सब दिखावा है। वैसे सरकार कह कुछ रही है और कर कुछ रही है। जैसे बाजारों, मालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। ना तो कोई कोरोना की रोकथाम को लेकर कोई गाईड लाइन्स है। और ना कोई सख्ती है। ऐसे में लोग जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उडा रहे है।धरातल पर रोकथाम को लेकर सरकार के सारे प्रयास सब दिखावे के साबित हो रहे है।

चांदनी चौक के व्यापारियों पंकज जैन , मनोज जैन का कहना है कि अगर सरकार इस गति से काम करती रही तो कोरोना का खात्मा तो दूर कम करना मुश्किल होगा। क्योंकि बसों में यात्रियों की संख्या भी कोरोना को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभा रही है। वहीं बाजारों में चालान के कटने बचने के लिये मास्क लटका कर घूमते रहते है। जबकि लगाते नहीं है। ऐसे में कोरोना की रोक पाना कठिन है।व्यापारियों का कहना है कि दो हजार के चालान काटने से कुछ नहीं होगा। बल्कि भीड़ को काबू करना होगा।