कोरोना के बढ़ते मामले 2020 मार्च की याद दिला रहे है, लोगों में भय

जैसे –जैसे गर्मी का मौसम बढ़ता जा रहा है वैसे –वैसे देश में कोरोना का कहर विकराल रूप धारण करता जा रहा है। देश के जाने –माने डाँक्टरों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के साथ –साथ हमें सावधानी के तौर पर मुंह में मास्क, सेनेटाइजर के साथ सोशलडिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। अन्य़था कोरोना घातक परिणाम सामने आ सकते है।

मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि पहली बात तो ये है कि कोरोना गया ही नही था। लेकिन लोगों ने लापरवाही के तौर पर कोरोना से बचाव के तौर पर मुंह में मास्क तक लगाना बंद कर दिया था। जिसके कारण कोरोना अब फिर से तेज गति से बढ़ने लगा है।

एम्स के डायरेक्टर डाँ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना को अगर समय रहते काबू नहीं किया गया तो इसके परिणाम घातक हो सकते है। कोरोना को लेकर सरकार बचाव की तो बात करती है लेकिन बाजारों में सही मायने में कोरोना की रोकथाम पर कोई कार्रवाई तक नहीं करती है। जिसके कारण कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है।सरकारी और निजी अस्पतालों तक में कोरोना से बचाव के तौर पर कोई नियम का पालन तक नहीं हो रहा है।

बस दिखावे के तौर पर सैनेटाइजर का प्रयोग हो रहा है।अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारी तक मुंह पर मास्क तक नहीं लगाते है। जिसके कारण अस्पतालों में कोरोना का संक्रमण फैलने लगता है।मौजूदा वक्त में देश में कोरोना  के बढ़ते मामले मार्च 2020 के मार्च के दिनों के याद दिला रहे है। और लोगों में आशंका पैदा कर रहे है कि कहीं कोरोना का बढ़ता प्रकोप किसी मुसीबत में ना डाल दें।