काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता : प्रणव मुखर्जी

लोक चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का ताजा ब्यान पीएम मोदी और भाजपा के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है। मुखर्जी ने एक समारोह में बिना मोदी सरकार का नाम लिए मंगलवार कहा कि ”काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता है  ”। समझा जा रहा है कि ब्यान अप्रत्यक्ष रूप से पीएम मोदी को टारगेट करके किया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक अवार्ड समारोह में मोदी सरकार का नाम लिए बिना यह टिप्पणी की है। मुखर्जी ने कहा – ”काल्पनिक बहादुरी से देश नहीं चलता है।  भारत को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो लोगों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा कर सकें।” जानकारों के मुताबिक भाजपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में जिस तरह सामान्य मुद्दों को ”नीचे” करके राष्ट्रवाद को ऊपर रखा है, यह टिप्पणी उसपर भी हमला है।
मुखर्जी ने एआईएमए मैनेजिंग इंडिया अवॉर्ड्स ग्रहण करते हुए कहा – साल २००५-०६  के बाद के दशक में २७ करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। देश में गरीबी की दर पिछली अवधि में करीब आधी हो गई है। यह एक सकारात्मक पक्ष है। इसी तरह २६.९ करोड़ लोग अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं, जिसे चिंता की बात कहा जाएगा।
प्रणब दा ने कहा – ”हमें अभी भी देश के हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और किफायती स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था करने की जरूरत है। हमें वास्तव में समृद्ध और गौरवशाली राष्ट्र बनने के लिए और अधिक युवा लोगों चाहिए। जबकि भारत ने संख्यात्मक पक्ष पर काफी तरक्की की है, जबकि गुणवत्ता के पहलू पर अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। देश की एक फीसदी आबादी के पास ६० फीसदी संपत्ति है। ऐसे में देश के विकास को और समावेशी बनाने की जरूरत है”।