कांग्रेस में तूफ़ान: आनंद शर्मा के गृह राज्य से ही बागियों पर कड़ी कार्रवाई करने की उठी मांग

आलाकमान के खिलाफ जम्मू में अलग मंच से सभा करने वाले जी-23 नेताओं के खिलाफ कांग्रेस के भीतर माहौल बनने लगा है। पार्टी ने जहाँ इन नेताओं को पांच राज्यों में चुनाव के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा है, वहीं पार्टी के बड़े नेताओं ने अब इन कथित बागियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। प्रमुख बागी नेताओं में एक आनंद शर्मा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से इसकी शरुआत हुई है जहाँ पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम कौशल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बाकायदा चिट्ठी लिखकर इन नेताओं पर पार्टी नेतृत्व के प्रति जनता में भाजपा की तर्ज पर भ्रम फैलाने और नेतृत्व की छवि को नुक्सान पहुँचाने का आरोप लगाते हुये उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
कौशल ने इस चिट्ठी की प्रतियां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिवों प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल को भी भेजी हैं। इसमें उन्होंने लिखा है – ‘आपको पत्र लिखने का मकसद पार्टी के कुछ अति महत्वकांक्षी नेताओं के पार्टी नेतृत्व और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के कारण व्यथित और आक्रोशित कार्यकर्ताओं की भावनाओं को सामने लाना है। पार्टी हित में ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का हम आपसे अनुरोध करते हैं।’
‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक कुछ और राज्यों में भी जी-23 नेताओं के विरोध के स्वर उठने लगे हैं। वहां से भी इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठ सकती है। पार्टी के बीच यह आरोप लगने लगे हैं कि यह नेता कथित तौर पर भाजपा की शह पर पार्टी को तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं ताकि अपनी पार्टी खड़ी की जा सके।
कौशल ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा है – ‘यह नेता राजीव गांधी से लेकर नरसिंह राव और मनमोहन सिंह की सरकारों में महत्वपूर्ण मंत्रालयों के मंत्री रहते हुए तमाम सुख सुविधाओं का आनंद लेते रहे और राजीव से लेकर राहुल गांधी और आपके (सोनिया गांधी) कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए तमाम बड़े पदों पर रह कर शक्ति और सत्ता का केंद्र बिंदु बन कर अलग-अलग राज्यों में आधारहीन चमचों को आगे बढ़ाकर प्रदेशों में ज़मीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कमज़ोर करने का षड्यंत्र रचते रहे।’
उन्होंने अपने पत्र (इसकी कॉपी तहलका के पास है) में यह भी आरोप लगाया है कि इन नेताओं ने सर्वोच्च नेतृत्व के उनपर किये भरोसे और उनकी छूट का नाजायज फायदा उठाया। कौशल ने पत्र में लिखा है कि जब प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के तमाम बड़े नेता जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के खिलाफ ‘जहर’ उगल रहे थे यह नेता खामोश होकर सुन रहे थे मगर भाजपा के खिलाफ उनकी चूं तक नहीं निकली।
कौशल ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि पिछले 6 साल में देश की संस्थाओं को कमजोर करने और देश को आर्थिक कंगाली और बेरोजगारी के गहरे समुंदर में धकेलने वाली और किसानों के अधिकारों को बड़े व्यापारियों के पास गिरवी रखने और महंगाई बढ़ाने वाली भाजपा और उसकी सरकार के खिलाफ जब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़कों पर पुलिस की लाठियां खा रहे हैं और मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, यह बागी नेता कांग्रेस को कमजोर करने के लिए सभाएं कर रहे हैं और जनता में पार्टी के प्रति भाजपा के इशारे पर भ्रम फैला रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने पत्र में कहा कि अहंकार में डूबकर आम नागरिकों और संस्थाओं की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों को कमजोर कर अघोषित आपातकाल जैसा माहौल बनाने वाली सरकार के खिलाफ चुप रहने वाले कांग्रेसी नहीं हो सकते। कांग्रेस को नुक्सान पहुँचाने के लिए इन नेताओं की सदन में जिस तरह प्रधानमंत्री तारीफ़ करते हैं उससे जाहिर हो जाता है कि भाजपा के क्या इरादे हैं और वह क्या खेल खेल रही है और कैसे हमारे अपने कुछ लोग उसके हाथों खेल रहे हैं। चिट्ठी में उन्होंने इन नेताओं पर तत्काल कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि पार्टी का पूरा वर्ग गांधी परिवार और पार्टी के साथ खड़ा है और उनके नेतृत्व पर उसका पक्का भरोसा है।