काँग्रेस की मांग: कोरोना से हुई मृत्यु पर परिवार को मुआवज़े मे दिए जाए 5 लाख रूपये

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कोरोना महामारी के दौरान मरने वालों के परिजनों को मुआवजे के रूप में देने वाली राशि को तय करने को कहा था। और यह राशि केंद्र सरकार ने 50 हजार रुपये मुआवजे के रूप में तय की है।

केंद्र सरकार द्वारा तय की गई 50 हजार की राशि की कांग्रेस पार्टी ने निंदा की है और कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि, सरकार ने तो यह तक कह डाला की इस आपदा के दौरान ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है।

महामारी के दौरान देश में लगे लॉकडाउन में 14 करोड़ नौकरियां नष्ट हुई है। लोगों का वेतन कटा है, भविष्य निधि (ईपीएफ) से लोगों ने 66 हज़ार करोड़ रूपये लोगों ने निकाले है। व हमारे देश में किसी भी आपदा के दौरान 4 लाख रुपये मुआवजा देना हमारी गाइडलाइन में अंकित है।

किंतु सरकार लिखे हुए कानून को नहीं मानती और जब महामारी के दौरान लोगों की नौकरियां छूट गर्इ व आम आदमी बेहद परेशान व हताश उस समय केवल 50 हज़ार राशि देने का ऐलान किया है। जो कि बेहद कम है।

पिछले वर्ष सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपये र्इधन एक्साइज ड्यूटी पर कमाए थे। यदि सरकार साढ़े चार लाख परिवारों को मात्र 5 लाख रुपये मृतक के परिवार को देती है जोकि मात्र 22 हजार करोड़ रुपये है और कुल जमा राशि का सिर्फ साढ़े पांच प्रतिशत है। ऐसे में 5 लाख रुपये की राशि सरकार बड़े ही आराम से दे सकती है।

और ऐसे में 50 हजार रुपये का मज़ाक सरकार लोगों के साथ कर रही है वे बेहद गलत है और कांग्रेस पार्टी कम से कम 50 हजार की बजाय 5 लाख की राशि मृतकों के परिवारों को देने की मांग करती है।