करोना वायरस कहर : महाराष्ट्र में आल पार्टी मीटिंग

मुंबई और पुणे में लॉकडाउन 30 मई, 2020 तक बढ़ सकता है

राज्य में करोना वायरस के कहर को देखते अन्य पॉलीटिकल पार्टीज लीडरान के साथ आयोजित आल पार्टी मीटिंग में महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य ने अप्रैल में महत्वपूर्ण चरणों में से एक को पार कर लिया है, लेकिन इस कोरोनावायरस के प्रकोप में दो और चरणों का सामना करना पड़ेगा। सीएम ने कहा कि कोशिश यह होगी कि लॉकडाउन मई के बाद बढ़ाए जाने की नौबत न आए।हालांकि सीएम ने संकेत दिया कि कुछ और दिनों तक लॉकडाउन के संभावित विस्तार की आवश्यकता हो सकती है। मुंबई और पुणे में लॉकडाउन 30 मई, 2020 तक बढ़ सकता है।

इस आल पार्ट मीटिंग में सभी लीडरान ने अपना विश्वास दर्शाते हुए कहा उन सभी का इस मामले में राज्य सरकार के साथ सहयोग बना रहेगा।इस मीटिंग में डेप्युटि सीएम अजीत पवार ,विधानसभा लीडर आफ अपोजिशन देवेंद्र फडणवीस, विधानपरिषद नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, बाळासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, जयंत पाटील, एकनाथ शिंदे और एमएनएस चीफ राज ठाकरे,( राज ठाकरे अकेले ऐसे शख्स थे मीटिंग में जिन्होंने मास्क नहीं पहना था) समाजवादी पार्टी के आबू असिम आज़मी आदि शामिल थे।

उद्धव ठाकरे ने सभी पार्टीज लीडरान से अपील की कि वह उनका साथ बनाए रखें और इस संकट की घड़ी में महाराष्ट्र को करोना वायरस से मुक्त करने की दिशा में सहयोग करें, सूबे के 18 अन्य पॉलीटिकल पार्टीज लीडरान के साथ महाराष्ट्र में कोरोनो वायरस मामलों से निपटने के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस तमाम लीडरान ने एक सुर में कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई शहरों में समाधान और उपायों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चा के दौरान सीएम ने संकेत दिया कि मुंबई और पुणे महानगर क्षेत्रों में एक और लॉकडाउन विस्तार की जरूरत पड़ सकती है। फिलहाल लॉकडाउन ,17 मई, 2020 तक तय है। खबर है कि राज्य सरकार मौजूदा लॉकडाउन में कोरोनोवायरस मामलों की संख्या में गिरावट की उम्मीद नहीं कर रही है। वास्तव में, आने वाले हफ्तों में संख्या में तेजी देखी जा सकती है और अधिकारियों का लक्ष्य प्रवासियों को वापस घर भेजना है। 7 मई, 2020 तक, महाराष्ट्र में कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या 17974 तक पहुंच गई है, जिसमें एक दिन में 1216 मामलों का इजाफा हुआ।

इस मीटिंग में राज ठाकरे के मास्क न पहन कर शामिल होने को लेकर राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा होती रही।