एनसीपी में चल रहा ‘पारिवारिक युद्ध’ : मोदी 

वर्धा चुनाव रैली में कांग्रेस ही नहीं पवार पर भी खूब बरसे पीएम 

महाराष्ट्र के वर्धा में सोमवार को एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एनसीपी के नेता शरद पवार पर जमकर हमला बोला। मोदी ने यहाँ तक कहा कि ”पवार अब खुद भतीजे के हाथों हिट-विकेट हो चुके हैं।”
मोदी ने कहा कि पवार की दूसरी समस्या भी है। ”एनसीपी में इस समय बहुत बड़ा पारिवारिक युद्ध चल रहा है।  पार्टी उनके हाथ से निकलती जा रही है और स्थिति ये है कि पवार साहब के भतीजे धीरे-धीरे पार्टी पर कब्जा करते जा रहे हैं। इसी वजह से एनसीपी में टिकट बंटवारे में भी दिक्कत आ रही है।”
पीएम ने कहा कि कि एक समय था जब शरद पवार सोचते थे कि वो भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। उन्होंने ऐलान भी किया था कि वो ये चुनाव लड़ेंगे लेकिन अचानक एक दिन बोले कि नहीं, मैं तो यहां राज्यसभा में ही खुश हूं, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। शरद पवारजी भी जानते हैं कि हवा का रुख किस तरफ है।
पीएम ने कहा कि शरद पवार साहब देश के सबसे वरिष्ठ औऱ अनुभवी नेताओं में से एक रहे हैं। वो कोई भी काम बिना सोचे-विचारे नहीं करते। मोदी ने पवार पर ”वंशवाद की राजनीति” करने का भी आरोप लगाया। कहा – ”शरद पवार द्वारा वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा दिए जाने की वजह से ज्यादातर एनसीपी नेताओं को रिटायर्ड हर्ट हो जाने का ही रास्ता ज्यादा आसान लग रहा है। आज पवार साहब को लोगों ने ही बोल्ड कर दिया है।”
मोदी ने शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा – ”उनके झूठ, उनके झूठे वादों की पोल खुल चुकी है और वो खुद भतीजे के हाथों हिट-विकेट हो चुके हैं। खुद एक किसान होने के बावजूद शरद पवार किसानों को भूल गए, उनकी चिंताओं को भूल गए। उनके कार्यकाल में कितने ही किसानों को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन पवार साहब ने कोई परवाह नहीं की।”
पीएम ने कहा कि शरद पवार का ध्यान किसानों की स्थिति पर था ही नहीं। ”मत भूलिए, जब महाराष्ट्र का किसान अजित पवार से बांधों में पानी के बारे में सवाल करने गया था तो उन्हें क्या जवाब मिला था। मत भूलिए, जब मावल के किसान अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे, तो पवार परिवार ने उन पर गोली चलाने का आदेश दे दिया था।”
मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस औऱ एनसीपी गठबंधन कुंभकरण की तरह है।  ”जब वो सत्ता में होते हैं तो ६-६ महीने के लिए सोते हैं। छह महीने में कोई एक उठता है और जनता का पैसा खाकर फिर सोने चला जाता है।”