एचएएल के तेजस की सवारी की सेना प्रमुख ने

बताया इसे लाजवाब, सशस्त्र बल इसके जुड़ने से होगा मजबूत

राफेल डील से बाहर हुई एचएएल के कारखाने में तैयार हुए ”तेजस” का हथियारबंद संस्करण आखिर गुरुवार को आसमां की ऊंचाइयां नापता और सटीक निशाना साधता दिखा। सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने इसमें बेंगलुरु में उड़ान भरी  विमान की जमकर प्रशसा की। तेजस हवा में ही ईंधन भर सकने की क्षमता वाला लड़ाकू विमान है और उसकी मारक क्षमता भी लाजवाब है।

भारत में बने एलसीए तेजस को गुरुवार को ही फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस मिला।  और आज औपचारिक तौर पर तेजस को वायुसेना में शामिल किया गया। तेजस में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने सवार होकर उड़ान भरी। बेंगलुरु में हो रहे एयरो इंडिया २०१९ के समारोह के दौरान आर्मी चीफ ने इस पर संक्षिप्त उड़ान भर देसी लड़ाकू विमान का निरीक्षण किया।

उड़ान के बाद सेना अध्यक्ष जनरल रावत ने कहा – ”तेजस की उड़ान भरना शानदार मौका था। अंधेरे में टारगेट पर सटीक निशाना लगाने के काबिल है। एचएएल और डीआरडीओ को धन्यवाद देता हूं। मैं अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि इस तरह के जहाज बेड़े में शामिल होने से सशस्त्र बल की ताकत में इजाफा होगा।”

गौरतलब है कि एचएएल राफेल डील से बाहर हो गयी थी जिसे खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी बड़ा मुद्दा बनाते रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि मोदी सरकार ने अपने दोस्त अनिल अम्बानी को फायदा पहुंचाया। राफेल का जिम्मा देसी एचएएल को न देने के लिए राहुल मोदी सरकार के कटु आलोचक रहे हैं।

यह विमान अब भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गया है। जनवरी में इसकी प्रायोगिक उड़ानें शुरू की गयी थीं। इसके १२३ विमानों को क्लीयरेंस दी गयी है। यह सभी विमान देश में बने हैं। तेजस कई क्षमताओं से लैस एक आधुनिक विमान है जिनमें कम विजिबिलिटी में निशाना लगाना, हवा में ईंधन भरा जाना, हवा से जमीन पर चिह्नित हथियार को निशाना बनाना शामिल है।