उत्तर प्रदेश में खिंचा विकास का खाका

विकास न करने के तमाम आरोपों के बाद भी दोबारा सत्ता में आने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार मार्च में फिर बन चुकी है। अब उसके पास प्रदेश का विकास करने के लिए पूरे पाँच साल हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार लोगों को ख़ुश करना चाहते हैं और विपक्ष को ताना कसने का कोई अवसर नहीं देना चाहते। सम्भवत: इसीलिए सरकार के गठन के बाद दूसरे ही महीने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एक करके कई योजनाओं की घोषणा कर दी है। इन योजनाओं की फ़ायदा शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के लोगों को होने वाला है। विकास कार्य करने में लगी योगी सरकार ने अलग-अलग योजनाओं की घोषणा भी कर दी है।

नहरों तथा तालाबों का निर्माण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत नयी नहरों का निर्माण करायेगी तथा तालाबों व पुरानी नहरों का गहरीकरण व सौंदर्यीकरण का काम कराने में जुट गयी है। इसके अतिरिक्त सरकार मनरेगा पशु बाड़ा निर्माण का कार्य भी तेज़ गति से पूरा कर रही है। महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) में रोज़गार सेवक राजीव ने बताया कि मौज़ूदा योगी सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए अच्छे क़दम उठाये हैं। अब गाँवों में पुरानी परम्परा को जीवंत किया जा रहा है। ग्रामीण जीवन में तालाब और नहरों का बड़ा महत्त्व है, क्योंकि कृषि और पशुधन ग्रामीण क्षेणों का सबसे बड़ा व्यवसाय और जीवनयापन का ज़रिया है और इन्हें जीवित रखने के लिए पानी सबसे पहली ज़रूरत है। इसलिए सिंचाई और पशुओं के पीने के लिए, साथ ही बारिश के पानी का संचयन करने के लिए पानी एकत्र करने का सबसे अच्छा माध्यम तालाब ही होते हैं, जिनका पानी साल भर लोगों, पशुओं और कृषि के काम आता है। साथ ही नहरों के बनने से उनमें पानी रहेगा, जो किसानों के लिए बड़ी राहत प्रदान करेगा।

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना यानी की मनरेगा के तहत 100 दिन में प्रदेश के 600 तालाबों को गहरा करके उनके सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर अति शीघ्र  कार्य आरम्भ हो जाएगा। इस प्रकार पूरे एक साल में महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत योगी सरकार ने ग्राम विकास विभाग के माध्यम से 15,4,63 तालाबों का गहरीकरण तथा सौंदर्यीकरण कराएगी। राजीव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों के गहरीकरण तथा सौंदर्यीकरण की योजना से ग्रामीण श्रमिकों को बड़ी संख्या में काम मिल सकेगा, जिससे उनकी आर्थिक दशा में सुधार होगा।

रोज़गार सेवक राजीव ने बताया कि इस एक उत्तम योजना के माध्यम से पानी के संरक्षण के अतिरिक्त सदुपयोग भी होगा, क्योंकि इस योजना को अमल में लाने का मक़सद नष्ट हो चुके तालाबों, पोखरों को नया जीवनदान देना है। गर्मियों में पशु-पक्षियों के पीने तथा नहाने के लिए अधिक पानी उपलब्ध होगा। भूजल में वृद्धि होगी, जिससे गिरते जलस्तर को रोका जा सकेगा और हरियाली भी बढ़ेगी। रोज़गार सेवक राजीव का कहना है कि योगी सरकार का प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में ख़ुशहाली हो और योजनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर सभी ग्रामीणों को रोज़गार उपलब्ध कराकर उनके जीवनस्तर को श्रेष्ठ बनाया जाए। उन्होंने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में विकास के कार्यों में लगी है और लगी रहेगी।

विदित हो कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में लगभग सवा नौ हज़ार तालाबों का निर्माण, जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण कराया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में तालाबों के बनने से पानी की कमी से जूझते ग्रामीण क्षेत्रों को राहत मिली है।

रोगियों को मिलेंगी अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ

योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के रोगियों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान योजना को उत्तम करने के लिए कई क़दम उठाये हैं। रोगियों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएँ देने के लिए योगी सरकार ने आयुष्मान योजना में जाँच के बजट को भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस सुविधा के तहत रोगियों की एमआरआई पैट स्कैन तथा रोडियोलॉजिकल जाँचों समेत कई महँगी जाँचें भी नि:शुल्क की जाएँगी। एक निजी अस्पताल के डॉक्टर हरीश का कहना है कि सरकार रोगियों को सुविधाएँ देगी ये तो अच्छी बात है, मगर इससे सरकारी अस्पतालों में रोगियों की भीड़ बढ़ेगी, जो कि पहले से ही बहुत अधिक रहती है। अगर सरकारी अस्पतालों से रोगियों की इस भीड़ को सरकार कम करना चाहती है, तो उसे चाहिए कि वो निजी अस्पतालों को भी काम सौंपे। इस प्रक्रिया में निजी अस्पताल जो भी स्वास्थ्य लाभ रोगियों को दें, उसका भुगतान सरकार सीधे अस्पतालों को कर दे। इससे सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों के आसानी होगी और निजी अस्पतालों में रोगियों को अच्छा स्वास्थ्य लाभ मिल जाएगा।

विदित हो कि अभी तक रेडियोलॉजी जैसी एक जाँच के लिए भी रोगी को पाँच हज़ार रुपये ख़र्च करने पड़ते हैं। इसी तरह अन्य जाँचें भी बहुत महँगी होती हैं, जो कि ग़रीब आदमी नहीं करा पाता है। थे। ऐसे में योगी सरकार की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधाओं से रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।

वास्तव में आयुष्मान योजना केंद्र सरकार की योजना है, जो कि पिछले कई वर्षों से लागू है। मगर कई प्रदेशों में यह उतनी कारगर सिद्ध नहीं हो पायी, जितनी कि केंद्र सरकार को उम्मीद थी। इसलिए इस बार इस योजना को और ऊँचाई देने के लिए केंद्र सरकार की संस्था राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सभी प्रदेशों को इसका प्रस्ताव भेजा है। इसमें केंद्र सरकार ने शर्त रखी है कि इस योजना का 40 फ़ीसदी ख़र्च प्रदेश की सरकार को ही उठाना होगा। मगर अच्छाई यह है कि इस चिकित्सा योजना के तहत अब लगभग 800 तरह की सुविधाओं की धनराशि में बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत रोगी तय धनराशि का इलाज अपनी इच्छानुसार सरकारी तथा निजी अस्पतालों में जहाँ चाहें करा सकते हैं। इसमें रोग के हिसाब से जाँचों का शुल्क खुद ही जुड़ जाएगा, जिसके लिए रोगियों को सीधे अपनी जेब से पैसा ख़र्च करने की आवश्यकता नहीं होगी।

विदित हो कि आयुष्मान योजना से लगभाग छ: करोड़ सदस्य जुड़े हैं। इस योजना के तहत पाँच लाख रुपये के चिकित्सा लाभ तक का प्रावधान है।

स्कूलों की सुधरेगी दशा

शिक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार सरकारी स्कूलों की दशा सुधारेगी। इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ बैठक करके विचार मंथन कर लिया है। अव वे सरकारी स्कूलों के कायाकल्प के लिए भी जुट गये हैं तथा ऑपरेशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को स्मार्ट बना रहे हैं। गौंटिया के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक हरीश गंगवार ने बताया कि प्रदेश में विद्यालयों की दशा सुधरने का समाचार पढक़र बहुत ख़ुशी हुई। बच्चे तो देश का भविष्य होते हैं। सरकार वही अच्छी, जो बच्चों का भविष्य सँवारे। इसके लिए मैं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उन्होंने प्रदेश में दुर्दशा की हालत में पहुँचे विद्यालयों की दशा सुधारने का बीड़ा उठाया है।

विदित हो कि योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प करने जा रही है। इसके लिए योगी सरकार ने हर तरह की पूरी तैयारियाँ कर ली हैं। अब उत्तर प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालय देश के विद्यालयों की नाक होंगे, जिनमें बच्चों के लिए शिक्षा की उत्तम व्यवस्थाएँ और अच्छी हालत की मेजें तथा बेंचें होंगी। हाल-फ़िलहाल में योगी सरकार लगभग 30 हज़ार माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढाँचे का नवीनीकरण करने का विचार बना रही है। सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालयों की तरह ही ऑडियो-वीडियो प्रोजेक्ट के साथ स्मार्ट क्लास रूम बनाये जाएँगे। कहा जा रहा है कि यह विद्यालय इतने अच्छे होंगे कि निजी और कान्वेंट विद्यालयों को टक्कर देंगे। क्योंकि अब सरकारी विद्यालयों में पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैबोरेटरी, साइंस लैब, आर्ट रूम के अतिरिक्त वाईफाई की व्यवस्था भी होगी। इसके अतिरिक्त योगी सरकार बच्चों के लिए उत्तम शिक्षा देने की व्यवस्था भी करेगी। बताया जा रहा है कि कई विद्यालयों में तो खेल के मैदान भी बनाये जाएँगे। कई विद्यालयों का कायाकल्प हो भी चुका है। शिक्षा अधिकारियों और प्रकाशित समाचारों की मानें तो जिन सरकारी स्कूलों में अब तक माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते थे, अब उनमें बच्चों की संख्या में तेज़ गति से बढ़ी है।

विदित हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2019 में ऑपरेशन कायाकल्प का शुभारम्भ किया था, जिसके तहत प्रदेश के लगभग 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में पढऩे वाले लगभग 1.64 लाख बच्चों को अत्यधिक आधुनिक परिवेश के साथ स्वच्छ, स्वास्थ्यवर्धक तथा सुरक्षित माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत विद्यालयों का सौंदर्यीकरण तो होगा ही, उनमें बच्चों और अध्यापकों के लिए पीने योग्य पानी,  साफ़-सुथरे शौचालय, स्वच्छ और प्रसन्नचित वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।

विकास न करने के तमाम आरोपों के बाद भी दोबारा सत्ता में आने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार मार्च में फिर बन चुकी है। अब उसके पास प्रदेश का विकास करने के लिए पूरे पाँच साल हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार लोगों को ख़ुश करना चाहते हैं और विपक्ष को ताना कसने का कोई अवसर नहीं देना चाहते। सम्भवत: इसीलिए सरकार के गठन के बाद दूसरे ही महीने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एक करके कई योजनाओं की घोषणा कर दी है। इन योजनाओं की फ़ायदा शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक के लोगों को होने वाला है। विकास कार्य करने में लगी योगी सरकार ने अलग-अलग योजनाओं की घोषणा भी कर दी है।