इमरती देवी पर विवादित टिप्पणी कर घिर गए पूर्व सीएम कमलनाथ

कांग्रेस छोड़ कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गईं मंत्री इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ़ज़ीहत झेलनी पड़ रही है। उनकी टिप्पणी के बाद राजनीति शुरू हो गयी है और मध्यप्रदेश में महत्वपूर्ण उपचुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया ‘मौन व्रत’ कर रहे हैं। उधर कमलनाथ ने कोई गलत टिप्पणी नहीं करने’ की बात करते हुए सीएम शिवराज सिंह से कहा कि सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो।

कमलनाथ ने एक जनसभा में इमरती देवी का नाम अपने सहयोगियों से बुलवाते हुए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद उनकी निंदा हुई है। भाजपा नेता इमरती देवी ने भी उनपर पलटवार करते हुए कहा कि वे कमलनाथ को भाई जैसा मानती थीं लेकिन इस भद्दी टिप्पणी के बाद उनके मन में कमलनाथ के लिए कोई जगह नहीं रही। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा कि वे कमलनाथ को पार्टी से बाहर करें।

बता दें मध्य प्रदेश में काफी सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और शिवराज सिंह सरकार का भविष्य इनके नतीजों पर ही टिका है। भाजपा यदि समुचित सीटें नहीं जीत पाती है तो शिवराज सिंह सरकार को जाना पड़ेगा। उपचुनाव में डबरा के कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में प्रचार करते हुए कमलनाथ ने विवादित शब्द कहे। आरोप है कि उनके एक और साथी अजय सिंह ने भी इमरती के लिए कथित तौर पर ‘जलेबी’ शब्द का इस्तेमाल किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल इमरती देवी ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की बेटियों-बहनों का अपमान है।  कमलनाथ ने एक ऐसी महिला के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जो लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं। लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ चौहान और उनके साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया आज इसके विरोध में ‘मौन व्रत’ पर हैं।

उधर इस मामले में घिरे कमलनाथ ने सफाई दी है – ‘शिवराज जी आप कह रहे हैं कमलनाथ ने आइटम कहा। हां, मैंने आइटम कहा है, क्योंकि यह कोई असम्मानजनक शब्द नहीं है। मैं भी आइटम हूं आप भी आइटम हैं और इस अर्थ में हम सभी आइटम हैं। लोकसभा और विधानसभा में कार्यसूची को आइटम नंबर लिखा जाता है, क्या यह असम्मानजनक है? सामने आइए और मुकाबला कीजिए। सहानुभूति और दया बटोरने की कोशिश वही लोग करते हैं, जिन्होंने जनता को धोखा दिया हो।’