आलीशान क्लब को लेकर घिरे बीजेपी के विधायक नरेंद्र मेहता!

पर्यावरण के नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप! मेहता ने कहा झूठे हैं आरोप!

मीरा भायंदर के बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता इन दिनों चारों तरफ़ से घिरते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों उनके सेवन स्क्वेयर स्कूल में हथियार प्रशिक्षण की तस्वीरें क्या उजागर हुईं थीं। इस मामले में विपक्ष और कुछ भीतरी लोगों ने नरेंद्र मेहता को घेरने की कोशिश की थी लेकिन उनकी ऊपर तक पकड़ के चलते यह मामला परवान ना चढ़ सका।

नरेंद्र मेहता ने बहुत कम समय में बीजेपी को मीरा भायंदर की सबसे बड़ी पार्टी बना कर ना सिर्फ अपना कद ऊंचा कर लिया बल्कि मीरा भायंदर में एनसीपी के गिल्बर्ट मेंडोंसा और कांग्रेस के मुजफ्फर हुसैन जैसे दिग्गजों को कोने में बैठा दिया। अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा का बचाने गिल्बर्ट शिवसेना की शरण में आ ग‌ए। मुजफ्फर फिर से अपनी जमीन ही तलाश रहे हैं जो फिलहाल दूर की कौड़ी ही लगती है।
एक समय भायंदर पश्चिम के साठ फीट रोड पर जैन मंदिर के सामने मसाला बेचने वाला ‘नरु’ आज करोड़ों का आसामी बन चुका है। मगर शॉर्टकट कामयाबी की सड़क पर फिसलन बहुत होती है। और अब कुछ-कुछ यही होता नजर आ रहा है ,नरेंद्र मेहता के साथ। मेहता के साथ उनकी बेशुमार प्रॉपर्टी भी विवादों के घेरे में रही है और वह साम दाम दण्ड भेद नीतियों के चलते उन्हें बचाए रखने में कामयाब रहे हैं। अब नया विवाद है नरेंद्र मेहता के शाही क्लब का। महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में यह मामला उठा। उठाया है एनसीपी के जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड ने। आव्हाड ने आरोप लगाया है, “नरेंद्र मेहता ने मीरा रोड में खाड़ी के आसपास की सीआरजेड जमीन को अवैध तरीके से कब्ज़ा कर उस पर अपना शानदार क्लब बनाया है”।
हालांकि आव्हाड के इस आरोप पर नरेंद्र मेहता ने चुनौती देते हुए कि अगर आव्हाड अपने आरोपों को साबित कर देंगे तो वह राजनीति छोड़ देंगे। आव्हाड अपने आरोपों पर कायम हैं और मेहता अपनी चुनौती पर।आरोप प्रत्यारोप का दौर और दिलचस्प होता चला जाएगा क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक
हैं ।
चर्चा ये भी है कि इस बार मीरा भायंदर विधानसभा सीट महिला के लिए आरक्षित होने की संभावना है। और फिर टिकट जा सकती है पूर्व महापौर गीता जैन की झोली में। अगर यह उसी खेल का हिस्सा है तो विवाद लंबा ही चलने वाला है। क्योंकि मीठालाल जैन परिवार की ठाणे की राजनीति में गहरी पकड़ है।
वैसे नरेंद्र मेहता के सेवन इलेवन अस्पताल,सेवन इलेवन स्कूल, सेवन स्क्वायर स्कूल और होटल्स के अलावा पर्सनल चॉपर और लिम्बोर्गिनी कार अपनी ही पार्टी के बड़े नेता हजम नहीं कर पा रहे। नजदीकी सूत्रों की मानें तो मेहता के खिलाफ अन्य पार्टी के ही नहीं उनकी अपनी पार्टी के लोग भी उनके करप्शन के मामलों को लेकर उन्हें घेर , दबाव बना अपना हित साधने से पीछे नहीं हट रहे हैं। खबरों की माने तो नरेंद्र मेहता दबाव के चलते अपने अस्पताल का हक किसी और अपनी ही पार्टी के नेता को सौंप चुके हैं। हालांकि इस खबर की पुष्टि खुल कर करने कोई तैयार नहीं है।
फिलहाल मसले का केंद्र बना सेवन इलेवन आलीशान क्लब अपने निर्माण के दौरान से ही सुर्खियों में रहा है। मुंबई से लगभग 20किलोमीटर की दूरी पर स्थित मीरा भायंदर इलाके में लगभग 4 एकड़ की जमीन पर फैले नरेंद्र मेहता की मालिकाना हक वाले इस क्लब के निर्माण में पर्यावरण को लेकर हाई कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। आरोप है कि इसके निर्माण के दौरान समुचित परमिशन नहीं लिए गए हैं, मैनग्रोव को नष्ट किया गया है, खाड़ी की जगह का रिक्लेमेशन किया गया है और अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाया गया है।
इन आरोपों को गलत बताते हैं नरेंद्र मेहता कहते हैं,,’इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है यदि मैंने सदन में अपने ऊपर लगाए गए आरोपों की सफाई दी है और मुझ पर आरोप लगाने वाले जितेंद्र अवार्ड को चुनौती दी है कि वह सबूत पेश करें तो मैं जानता हूं कि सदन की सदन की गरिमा क्या होती है। एक जिम्मेदार सदन के सदस्य के तौर पर मेरी अपनी प्रतिबद्धता है। मुझ पर आरोप लगाते समय उन्होंने सजन के नियमों का पालन नहीं किया। नियम है कि सदन में किसी भी विधायक पर आरोप लगाने के 24 घंटे पहले उक्त विधायक को इस बात की जानकारी दे देनी चाहिए कि उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं और उसके सबूत भी दिए जाने चाहिए।’
‘यह सब राजनीतिक रणनीति और साजिशों का हिस्सा है। मुजफ्फर हुसैन जो कि कांग्रेस के हैं और अपनी जमीन खो चुके हैं, फिर से एक बार चुनाव लड़कर अपने लिए जमीन तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं । उन्हीं के कहने पर जयंत पाटील और जितेंद्र अह्वाड़ ने आरोप लगाया है। जयंत पाटील को यह भी नहीं पता कि क्लब कहां है और न कभी वह मीरा भायंदर आए हैं। दूसरों के कहने पर जब आरोप लगाया जाता है तो वह दूसरे की भाषा होती है जिसका कोई सिर पैर नहीं होता। इसलिए जब मैंने उन्हें चुनौती दी तो कोई जवाब नहीं आया है।’नरेंद्र मेहता कहते हैं।
क्लब को लेकर नरेंद्र मेहता पर आरोप लगाने वाले एनसीपी के नेता जितेंद्र अह्वाड़ का दावा है कि उनके पास नरेंद्र मेहता के कारनामों के पुख्ता सबूत हैं। इस बात को नरेंद्र मेहता की अच्छी तरह से जानते हैं। यह बात अलग है कि वह इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। एक कहावत है ले डूबेंगे सनम तुम्हें भी। मेरा मतलब यह है कि वह खुद भी डूब जाएंगे और सरकार को भी ले डूबेंगे।