आरजेडी ने बिहार में वोटों की गिनती में गड़बड़ी का नीतीश सरकार पर लगाया आरोप

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बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए और महागठबंधन में कांटे की टक्कर दिख रही है और इसी बीच आरजेडी ने नीतीश सरकार पर वोटों की गिनती में धांदली का आरोप लगाया है। उसने कहा है कि कमसे कम 10 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों को जीत के बावजूद विजेता का सर्टिफिकेट नहीं दीने का आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया है अंतिम नतीजों में आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन विजेता बनकर उभरेगा। बिहार में अब तक 86 फीसदी वोटों की गिनती हो चुकी है और कई सीटों पर बढ़त का अंतर 1000 से भी कम है। इस बीच भाजपा के कुछ बड़े नेता शाम को सीएम नीतीश कुमार से मिले हैं।

वोटों की गिनती के बीच आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। आरजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा – ‘बिहार को अपनी नई सरकार मिलने वाली है कोई भी इसे रोक नहीं सकता है। सीएम नीतीश कुमार का जाना तय है, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि रिटर्निंग अफसर को फोन करके वोटों की गिनती को धीमा करने के लिए कहलवाना बंद करें।  वो सिर्फ अपनी हार को टाल सकते हैं।’

झा ने मंगलवार शाम कहा – ‘टीवी बता है कि आरजेडी की 73 सीटें हैं लेकिन वास्तव में हम 86 सीटों पर आगे हैं। हमारी बढ़त दिखाई नहीं जा रही। हमारी सरकार बनना तय है आप दो घंटे इंतजार कीजिए। नीतीश जी जाते जाते कोई ऐसा काम न करें।  हम पूछना चाहते हैं कि पोस्टल बैलेट की गिनती क्यों रोक दी गई है।’

पिछले कई घंटों से एनडीए 125 सीटों के आसपास झूल रहा है जबकि यूपीए 115 के आसपास। ओवैसी की पार्टी भी 4-5 सीटों पर आगे है जबकि चिराग पासवान की पार्टी किसी भी सीट पर आगे न होने के बावजूद सत्ता विरोधी वोटों का बंटवारा करने में सफल रही है जिसका लाभ लगता है भाजपा को हुआ है, जबकि महागठबंधन को नुक्सान। ऐसा ही ओवैसी के अच्छे खासे वोट लेने से हुआ है।

चुनाव आयोग ने आज दो बार प्रेस कांफ्रेंस की हैं और कहा है कि कोरोना काल में हुए मतदान की वजह से पोलिंग बूथ की संख्या बढ़ाई गई थी इसलिए मतगणना में अभी समय लग सकता है।

नीतीश से मिले भाजपा नेता
उधर सुशील मोदी समेत कुछ वरिष्ठ भाजपा नेता पटना में सीएम नीतीश कुमार से उनके घर पर मिले हैं। कहा जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह की भी नीतीश से फोन पर बात हुई है। भाजपा के कुछ नेता नतीजों के बीच अपना सीएम बनाने की बात उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि भाजपा से आधी सीटें होने के कारण नीतीश ‘नैतिकता दिखाते हुए’ खुद ही भाजपा को अपना सीएम बनाने दें। बीच में यह भी चर्चा रही कि नीतीश को यदि भाजपा ने किनारे करने की कोशिश की तो वह ‘कोई भी’ फैसला कर सकते हैं। जदयू में यह चर्चा है कि चुनाव में जदयू की स्थिति खराब होने के पीछे वास्तव में पर्दे के पीछे ‘भाजपा का रोल’ रहा है, और यदि नीतीश को किनारे करने की कोशिश होती है तो ‘भाजपा को सबक सिखाने के लिए’ आरजेडी-कांग्रेस सरकार बनवाकर उसे बाहर से समर्थन दे दिया जाए।