आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा – राजा
का मतलब सेवक होता है, शासक नहीं  

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन  भागवत ने एक बड़े बयान में कहा है कि राजा का मतलब सेवक होता है, शासक नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि एक विचारधारा या एक व्यक्ति किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती है।

राजनीतिक रूप से उनके बयान को 2024 के आम चुनाव से जोड़कर काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। नागपुर में राजरत्न पुरस्कार समिति के समारोह में आरएसएस प्रमुख ने कहा – ‘अब जमाना प्रजातंत्र का इसलिए अब राजा नहीं रहे हैं। राजा का मतलब सेवक होता है, शासक नहीं। एक विचारधारा या एक व्यक्ति किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती है।’

इस मौके पर उन्होंने कहा कि दुनिया के अच्छे देशों में विचारों की भीड़ होती है और एक व्यक्ति, एक विचार, एक समूह, एक विचारधारा किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती है। उन्होंने कहा – ‘दुनिया के अच्छे देशों में तरह-तरह के विचार होते हैं। उनके पास भी सभी प्रकार के सिस्टम हैं, और वे सिस्टम की इस भीड़ के साथ बढ़ रहे हैं।’

भागवत ने कहा कि लोगों को अपने अहंकार को नहीं बढ़ने देना चाहिए और भौतिकवाद से दूर रहना चाहिए। हमेशा सच्चाई पर टिके रहना चाहिए। दुनिया एक भ्रम है, केवल ब्रह्म ही सत्य है। राजा का मतलब सेवक होता है, शासक नहीं।