आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के तहत 2,65,080 करोड़ रुपये का ऐलान  

केंद्र में एनडीए सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना’ और ‘आत्मनिर्भर भारत 3.0’ का गुरुवार को ऐलान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक साझी प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।

वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के तहत 12 नए राहत उपायों की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी तेजी से रिकवर कर रही है। आइए जानते हैं कि वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या कहा।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के अंतर्गत आज 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 राहत उपायों की घोषणा की गई है। इस तरह सरकार और आरबीआई द्वारा अब तक कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा हुई है। यह जीडीपी का 15 फीसद है।

सीतारमण ने इस मौके पर सर्कार की तरफ से उठाये जा रहे क़दमों की जानकारी दी। उनके मुताबिक जीएसटी कलेक्शन में बेहतर आंकड़े सामने आये हैं और रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही इकोनॉमी पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का ऐलान कर दिया। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत की गई है जिससे देश में नए रोजगार का सृजन हो सके।

सीतारमण ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना’ को लांच किया जा रहा है ताकि नए रोज़गार के सृजन को प्रोत्साहन दिया जा सके। ये योजना पहली अक्टूबर  से से लागू होगी। उन्होंने कहा कि बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। उन्हें दो चरणों में 143262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। नाबार्ड के माध्यम से 25 हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी आवंटित की गई है।

वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले चरण का अच्छा प्रदर्शन रहा है। 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश राशन कार्ड नैशनल पोर्टेबिलिटी के अधीन हैं। इससे 68.6 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये के 13.78 लोन आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मूडीज ने पहले इस वित्त वर्ष में भारतीय इकॉनमी में 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था जिसे उसने घटाकर अब 8.9 फीसदी कर दिया है। इसी तरह 2022 के अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दिया है। यह संकेत है कि भारतीय इकॉनमी पटरी पर लौट रही है।

इस मौके पर उनहोंने कहा कि वे कुछ नए उपायों की घोषणा कर रही हैं जिन्हें ‘स्टीमुलस पैकेज’ कह सकते हैं। इकॉनमी तेजी से पटरी पर लौट रही है। कोरोना के सक्रिय मामले घटे हैं। अर्थव्यवस्था की हालत में बहुत सुधार हुआ है। कोरोनावायरस के सक्रिय मामले 10 लाख से घटकर 4.89 लाख हो गए हैं। कोरोनावायरस की मृत्य दर भी घटकर 1.47 फीसदी हो गई है।