असुरक्षित मुम्बई का बांद्रा रेलवे टर्मिनस

मुम्बई के 5 रेलवे टर्मिनस में से एक है बांद्रा रेलवे टर्मिनस यानी बीडीटीएस। सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है कि यह बिल्कुल असुरक्षित है। चारों तरफ से घनी आबादी के बीच बने इस टर्मिनस में सुरक्षा को लेकर इतने छेद है कि कोई भी शख्स आसानी से टर्मिनस के किसी भी प्लेटफार्म में आ जा सकता है अनधिकृत तरीके से और अवैध सामग्रियों के साथ।

1990 में बने वेस्टर्न रेलवे डिविजन के बीडीटीएस से  उत्तर और पश्चिमी भारत के लिए के लिए ट्रेन छूटती हैं। यहाँ पर सात प्लेटफार्म हैं। बीडीटीएस, सांताक्रूज, खार, बांद्रा जैसे रिहाइशी इलाके के बीच है। दक्षिण की ओर नौपाड़ा और बैहरमपाड़ा नामक घनी आबादी वाले इलाके हैं और उसी से बांद्रा जंक्शन लोकल रेलवे स्टेशन लगा हुआ है, जहाँ से वेस्टर्न, सेंट्रल और हार्बर लोकल ट्रेनें गुज़रती हैं। उत्तर की ओर खार इलाका है और लोकल रेलवे का खार स्टेशन भी। भले ही बांद्रा रेलवे टर्मिनस को शुरू हुए 29 साल हो गये हैं, लेकिन  सुरक्षा के मद्देनज़र पुख्ता इंतज़ाम अभी तक नहीं हो पाये हैं। कुछ वर्षों पहले तक प्लेटफॉर्म के पश्चिमी इलाके की ओर से खुला पड़ा हुआ था, अभी भी इस ओर बाउंड्री वॉल का काम अधूरा पड़ा हुआ है। इस ओर से कोई भी बीडीटीएस के सातों प्लेटफार्म में बे-रोकटोक आ जा सकता है। यही बात दक्षिण की ओर से भी है। टर्मिनस से लगी पुरानी पटरी सीधे कई स्लम से होती हुई बांद्रा लोकल रेलवे स्टेशन तक पहुँचती है। बीडीटीएस का पूर्वी छोर जो मुख्य गेट है। वहाँ पर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था है, लेकिन अन्य तीनों दिशाओं से टर्मिनस के भीतर जाना बेहद आसान है। इस टर्मिनस से उत्तर और पश्चिम भारत के लिए लगभग 60 ट्रेनों का आवागमन होता है। टर्मिनस के कई प्लेटफॉम्र्स के कोने में नशेड़ी दिखाई देते हैं। आसपास के इलाके के लोगों को टपोरी युवकों को प्लेटफॉम्र्स के भीतर टाइम पास करते हुए देखा जा सकता है। टर्मिनस के दक्षिण पश्चिमी किनारे से लगे प्लेटफॉम्र्स का हिस्सा ज़्यादा संवेदनशील माने जा सकते हैं। इसी ओर से ट्रेन में सप्लाई किये जाने वाले बेडशीट, ब्लैंकेट आदि की आवाजाही होती है और इसी कोने में से सबसे ज़्यादा लोग प्लेटफॉर्म के भीतर घुस सकते हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र टर्मिनस के भीतर प्लेटफॉर्म तक पहुँचने से पहले यात्रियों की और लगेज की जाँच की जाती है; ताकि किसी भी तरह की विस्फोटक सामग्री या खतरनाक हथियार आदि ट्रेन तक नहीं पहुँच पाये, लेकिन बांद्रा टर्मिनस पर यह बेहद आसान है। जिन जगहों का ज़िक्र ऊपर रिपोर्ट में किया गया है, उन सभी जगहों से कोई भी शख्स प्लेटफॉर्म के भीतर बेखौफ अनधिकृत तरीके से अवैध सामग्रियों के साथ पहुँच सकता है और प्लेटफार्म में खड़ी गाडिय़ों में रखकर किसी भी षड्यंत्र को अंजाम दे सकता है।