अर्थव्यवस्था की मज़बूती के लिए आठ क़दमों का ऐलान, स्वास्थ्य और पर्यटन पर ख़ास फोकस  

केंद्र सरकार ने सोमवार को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आठ क़दमों का ऐलान किया है। इन फैसलों की जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी और इसमें स्वास्थ्य और पर्यटन पर ख़ास ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने जहाँ स्वास्थ्य सेक्टर को 50 हजार करोड़ देने का ऐलान किया वहीं कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को 1.1 लाख करोड़ की लोन गारंटी का ऐलान भी किया गया है।
निर्मला सीतारमण के अंग्रेजी में बताये फैसलों की हिंदी में जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि एमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम में अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ रुपए दिए जाएंगे और अब स्कीम के तहत फंडिंग को 4.5 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया गया है। कोविड से प्रभावित सेक्टर और हेल्थ सेक्टर के अलावा अन्य  सेक्टर्स के लिए भी 60 हजार करोड़ रुपए की बात कही गयी है। हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95 फीसदी सालाना से ज्यादा ब्याज नहीं होगा जबकि दूसरे सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
इसके अलावा ईसीएलजीएस  में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे।
अब इस स्कीम का दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए होगा। पहले स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की थी। सभी सेक्टर्स को इसका फायदा मिलेगा।
उधर क्रेडिट गारंटी स्कीम में एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से छोटे कारोबारी को 1.25 लाख तक का कर्ज मिलेगा। बैंक एमसीएलआर पर अधिकतम 2 फीसदी ब्याज लिया जा सकेगा। लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी जबकि योजना का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा।
अनुराग ठाकुर ने रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड/ ट्रैवल टूरिज्म को मदद का भी ऐलान किया। कोविड से प्रभावित रजिस्टर्ड टूरिस्ट गाइड और ट्रैवल टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स को वित्तीय मदद दी जाएगी। टूरिस्ट गाइड को एक लाख रुपए और ट्रैवल एजेंसी को 10 लाख रुपए का लोन दिया जाएगा और इसपर 100 फीसदी गारंटी रहेगी। कोई प्रोसेसिंग फीस भी नहीं होगी। उन्होंने मुफ्त मिलेगा विदेशी टूरिस्ट वीजा पर कहा कि  पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी किए जाएंगे। यह योजना 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगी और इसके लिए 100 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद की जाएगी। एक टूरिस्ट सिर्फ एक बार स्कीम का फायदा उठा सकता है जबकि विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही स्कीम का फायदा मिलेगा।
सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को भी 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाने का ऐलान किया है। योजना के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है। सरकार ने योजना में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। योजना का फायदा करीब 58.50 लाख लोगों को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने यह भी ऐलान किया कि किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इसमें 9125 करोड़ रुपए की सब्सिडी डीएपी पर दी गई है जबकि 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई। रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई और अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे उनके खाते में दिए गए हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मई 2021 में फिर से लॉन्च किया गया है। कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए 26 मार्च, 2020 को योजना शुरू की गई थी। माली साल 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए। करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज मुफ्त बांटा जा रहा है। नंवबर तक यह मुफ्त राशन की सुविधा जारी रहेगी। स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
इस तरह सरकार ने आठ बड़े उपायों की घोषणा की है। हालांकि, देखा जाए तो मुख्य फोकस स्वास्थ्य और पर्यटन सेक्टर पर रखा गया है। हाल के महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर काफी चिंता जताई गयी है। हाल के महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था की यह हालत भी है कि उसकी जीडीपी माइनस 24 तक पहुँच गयी जो दुनिया भर में सबसे कमजोर थी।