अमिताभ की सुरक्षा में लगे हेड कांस्टेबल को डेढ़ करोड़ सालाना, हुई कार्रवाई

मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बॉडीगार्ड रहे मुंबई पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल जितेंद्र शिंदे अपनी कमाई को लेकर चर्चा में हैं। उनकी फीस की जानकारी मिलने पर अब पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले ने शिंदे का तबादला कर दिया है। जितेंद्र पर आरोप लगाया गया है कि अमिताभ बच्चन उनको सालाना 1.5 करोड़ रुपये बतौर तनख्वाह देते थे।

जैसे ही इसकी जानकारी आला अफसरों को मिली तो जितेंद्र शिंदे के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी गई है। शिंदे 2015 से अमिताभ के साथ सुरक्षा में लगे हुए हैं। चर्चा यह भी है कि वे अपनी निजी सुरक्षा एजेंसी भी चलाते हैं। यह खबर कुछ लोगों को हजम नहीं हुई और इसकी शिकायत आला अफसरों तक पहुंचाई, जिसके बाद मुंबई के पुलिस कमिश्नर में इस पर कार्रवाई की है। उनको बच्चन की सुरक्षा से हटा दिया गया है।

मुंबई में पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने पदभार संभालने के साथ ही फरमान जारी किया था कि कोई भी पुलिसकर्मी एक पद पर, एक पुलिस स्टेशन में चार साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता है। विभाग का कहना है कि इसी नियम के तहत शिंदे का तबादला डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में कर दिया गया। पेमेंट के भुगतान को लेकर अमिताभ बच्चन के अकाउंट डिपार्टमेंट से भी जानकारी मांगी जा सकती है। हालांकि शिंदे ने डेढ़ करोड़ रुपये सालाना लेने की खबर को सही नहीं बताया है।

जितेंद्र शिंदे हमेशा अमिताभ बच्चन के साथ परछाईं की तरह नजर आते थे। कुछ समय पहले अचानक उनकी सैलरी को लेकर सोशल मीडिया में चर्चा शुरू हुई और यह कहा जाने लगा कि शिंदे की सैलरी किसी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी के सीईओ से भी ज्यादा है। चर्चा रही कि हेड कांस्टेबल हर महीने 12 लाख रुपये अमिताभ से लेते थे, इसके अलावा उन्हें सरकारी सैलरी भी नियमित रूप से मिल रही थी।

जानकारी के अनुसार, शिंदे को इतने ज्यादा रकम देने की वजह यह थी कि वे बच्चन परिवार को अपनी प्राइवेट सिक्योरिटी भी मुहैया कराते थे। शिंदे ने जाने-माने अमेरिकी अभिनेता और निर्माता एलिजा वुड को भारत आने पर सुरक्षा प्रदान की थी। कांस्टेबल जितेंद्र शिंदे को अब मुंबई पुलिस से जोड़ दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी सिक्योरिटी एजेंसी चलाती हैं, जिसके जरिए वे कई सेलेब्स को सुरक्षा प्रदान करते हैं। शिंदे ने इस बात से साफ इनकार किया है कि अमिताभ बच्चन उन्हें 1.5 करोड़ रुपये बतौर वेतन देते हैं। अब राज्य सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या शिंदे ने अपनी दूसरी कमाई की जानकारी प्रशासन को दी थी और क्या वे किसी दूसरी जगह से पैसा तो नहीं कमाते थे। महाराष्ट्र के सेवा नियमों के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी दो प्रतिष्ठानों से वेतन स्वीकार नहीं कर सकता है।