अभिनेता इरफ़ान खान सुपुर्द-ए-ख़ाक

बॉलीवुड के कलाकार इरफ़ान खान का निधन हो गया है। उन्हें मंगलवार को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन आज उनका निधन हो गया। वे अभी सिर्फ ५४ साल के थे।

शुजीत सरकार ने इरफ़ान के निधन की जानकारी ट्वीट की है। जानकारी के मुताबिक उन्हें पिछले कल आईसीयू में भर्ती किया गया था। इसी २५ अप्रैल को उनकी माता का भी निधन हो गया था।

शुजीत सरकार ने इरफ़ान के निधन की जानकारी ट्वीट करते हुए कहा कि दोस्त तुम लड़े, बहुत लड़े।  कोकिला बेन अस्पताल में इरफ़ान ने अंतिम सांस ली जहाँ वे भर्ती थे। वे पिछले एक साल तक लन्दन भी गए थे जहाँ उनका इलाज चला था।

बुधवार दोपहर मुंबई के वर्सोवा स्थित कब्रिस्तान में इरफ़ान खान को सुपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार के समय उनकी पत्नी सुतापा और बेटे के अलावा फिल्मकार तिग्मांशु धुलिया भी उपस्थित थे।

करीब ढाई बजे उनकी पार्थिव देह अस्पताल से सीधे कब्रिस्तान लाई गयी जहाँ उनके परिजन और गिने-चुने लोग उपस्थित थे। लॉक डाउन के कारण उनके प्रशंसकों को पुलिस ने कब्रिस्तान के भीतर नहीं आने दिया, जो वहां जुट गए थे। उनके अंतिम संस्कार के समय कब्रिस्तान के परिसर में फिल्मकार विशाल भारद्वाज भी थे।

इरफान खान की पत्नी और बेटा कोकिला बेन अस्पताल में ही थे जब उनका निधन हुआ। वे पार्थिव देह के साथ सीधे कब्रिस्तान पहुंचे। उनके पारिवारिक मित्र और फिल्मकार तिग्मांशु धुलिया भी साथ थे।

देश के तमाम बड़े नेताओं, फिल्मकारों, अन्य लोगों ने इस बेजोड़ अभिनेता के निधन पर शोक जताया है। नेताओं में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं। इरफान खान के करीबी दोस्त हैदर अली जैदी ने कहा कि वे बहुत खुशदिव इंसान थे, पता नहीं कैसे वो जिंदगी की जंग हार गया। अभिनेता अमिताभ बच्चन और अन्य ने उनके निधन पर शोक जताया है।

इरफ़ान खान का जन्म ७ जनवरी, १९६६ को जयपुर, राजस्थान में एक पठान परिवार में हुआ था। उनके पिता साहबज़ादा यासीन अली खान व्यापारी थे। उनके दो भाई  और एक बहन हैं। उनकी पत्नी सुतापा और बेटे बाबिल और अयान हैं।

इरफान इलाज के कारण काफी दिन तक बॉलीवुड से दूर रहे थे और जब लंदन से स्वस्थ होकर लौटे तो ”अंग्रेजी मीडियम” फिल्म की शूटिंग की थी जो १३ मार्च को रिलीज हुई थी। इरफ़ान खान ने ‘दृष्टि’, ‘काली सलवार’, ‘चॉकलेट’, ‘रोग’, ‘तुलसी’, ‘बिल्लू’, ‘यह साली ज़िंदगी’, ‘गुंडे’, ‘हिंदी मध्यम, ‘द लंच बॉक्स’, ‘ब्लैकमेल’, ‘पजल’ जैसी फिल्मों और ‘किरदार’, ‘भारत एक खोज’, ‘चाणक्य’, ‘जय हनुमान’, ‘डॉन’, ‘मानो  या ना मानो’ और ‘जय हनुमान’ जैसे सीरियल में अभिनय किया।

इरफ़ान खान ने ८५ से ज्यादा फिल्मों में काम किया और उनके कई किरदार लोगों के जहन में छप गए। जिन फिल्मों के लिए उन्हें अवॉर्ड मिले उनमें हासिल (२००४)फिल्मफेयर अवॉर्ड्स, नेगटिव रोल के तौर पर सबसे बेहतरीन एक्टिंग के लिए,लाइफ इन अ मेट्रो (२००८), फिल्मफेयर अवॉर्ड्स- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के रोल के लिए इंटरनैशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स- बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के रोल के लिए, स्क्रीन अवॉर्ड्स बेस्ट कॉमेडियन के लिए, स्लमडॉग मिलिनियर (२००८), स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड अवॉर्ड- मोशन पिक्चर में शानदार प्रदर्शन के लिए, सेंट्रल ओहियो फिल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन- बेस्ट एन्सेम्बल के लिए, पान सिंह तोमर (२०१३), नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, फिल्मफेयर अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर का अवार्ड, बेस्ट एक्टर (क्रिटिक्स) का ख़िताब, स्क्रीन अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, द लंचबॉक्स (२०१४), एशियन फिल्म अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, एशिया-पेसिफिक फिल फेस्टिवल- बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, दुबई इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल- बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड, प्रोडूसर गिल्ड फिल्म अवार्ड्स- स्टार वर्डिक्ट परफ़ॉर्मर ऑफ़ द इयर, इंटरटेनर ऑफ़ द इयर, हिंदी मीडियम (२०१६), स्क्रीन अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर, फिल्मफेयर अवॉर्ड्स- बेस्ट एक्टर।

इसके अलावा उन्होने २०१० में जीक्यू मैगज़ीन के भारतीय एडिशन द्वारा ”मैन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड”, २०११ में अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा के लिए शानदार काम करने के लिए इंटरनैशनल फिल्म एकेडमी अवॉर्ड्स और २०११ में ही कला के क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए भारत सरकार ने ”पद्म श्री सम्मान” दिया।

इरफ़ान अंतिम बार २०१७ में आई ”हिंदी मीडियम” के सीक्वल ”अंग्रेज़ी मीडियम” में दीपक डोबरियाल, राधिका मदान और करीना कपूर के साथ २०१९ में नज़र आए जिसे लॉक डाउन के कारण रिलीज़ न होने के बाद ”डिज़्नी हॉटस्टार” पर रिलीज़ किया।  इसमें उनके अभिनय की खूब तारीफ हुई है।

इरफ़ान की मृत्यु  पर प्रियंका गांधी का ट्वीट –
@priyankagandhi
#IrrfanKhan की बेमिसाल अदाकारी जैसी दूसरी मिसाल मिलनी मुश्किल है।
उनके अभिनय ने भाषाओं, राष्ट्रों और मज़हबों की सीमाओं को तोड़ते हुए अदाकारी का एक ऐसा लहजा बनाया जिसने कला और संवेदना के जरिए पूरी मानवता को एकजुट किया। आपका अभिनय हमारी थाती है। हम इसे सहेजकर रखेंगे।