अब देवरिया के शेल्टर होम में मासूमों से बहशियाना काण्ड

पुलिस ने छापा मार २४ लड़कियों को छुड़ाया, १८ अभी गायब, तीन गिरफ्तार

अभी बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में मासूमों के साथ बहशियाना काण्ड की स्याही सूखी भी नहीं है कि उत्तर प्रदेश के देवरिया से वैसे ही शर्मनाक मामले की जानकारी मिली है। देवरिया के एक बालिका गृह – मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण और सामाजिक सेवा संस्थान – में भी लड़कियों के शारीरिक शोषण का मामला सामने आया है। यह मामला तब सामने आया जब रविवार शाम संरक्षण गृह से भागी एक लड़की ने पुलिस को इस भयावह जुल्म की जानकारी दी।

इसके तुरंत बाद पुलिस में हड़कंप मच गया और आनन-फानन पुलिस ने रात को ही संरक्षण गृह पर छापा मार कर वहां रह रही ४२ में से २४ लड़कियों को मुक्त करा लिया। हालांकि इस शेल्टर होम से अभी भी १८ लड़कियां गायब बताई गईं हैं। पुलिस ने इस मामले में होम की संचालिका और उसके पति और बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस गायब लड़कियों की तलाश में जुट गयी है।

इस मामले में उत्तर प्रदेश की महिला और बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि पिछले साल सीबीआई के इंस्पेक्शन के बाद यह पाया गया था कि देवरिया का शेल्टर होम अवैध तरीके से चल रहा है। लड़कियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने और इसे बंद करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। शेल्टर होम में कई अवैध गतिविधियां चल रही थीं। पहली अगस्त को एफआईआर दर्ज करवाई गई है। शेल्टर होम में पंजीकृत बच्चियों का सही रेकार्ड भी नहीं है। ”मामले की जांच चल रही है।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला थाने पहुंच कर लड़की ने अपनी आपबीती सुनाई जिसके बाद महिला थाना के एसओ ने तत्काल एसपी को इसकी सूचना दी। एसपी रोहन पी कनय हरकत में आए और पुलिस फोर्स भेजकर मां विन्ध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण और सामाजिक सेवा संस्थान पर छापेमारी करवाई। इस बालिका संरक्षण गृह एनजीओ की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं। अनियमितताओं के कारण इस एनजीओ के मान्यता जून, २०१७ में ख़त्म कर दी गई थी।

सीबीआई ने भी संरक्षण गृह को अनियमितताओं में चिह्नित कर रखा है। संचालिका हाईकोर्ट से स्थगनादेश लेकर इसे चला रही है।

उधर एसपी रोहन पी कनय ने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची रविवार देर शाम किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची। उसने जानकारी दी वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और ”मैडम” के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे। वे देर रात रोते हुए लौटती थीं और उस समय उनकी स्थिति अच्छी नहीं होती थी। आरोप के मुताबिक संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है। लड़की ने बताया कि उन लोगों से झाड़ू पोछा भी करवाया जाता था।

संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन और बेटे को पकड़ लिया गया है। पूछताछ में उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए हैं। उनके खिलाफ मानव तस्करी, देह व्यापार और बाल श्रम से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि एसपी देवरिया को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।