अब उत्तर प्रदेश में स्थानीय-निकाय चुनाव को लेकर सियासत

उत्तर प्रदेश की सियासत में अब हर रोज नये समीकरण बन रहे है। उत्तर प्रदेश में हाल में ही में दो लोकसभा के चुनाव उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली करारी हार से समाजवादी पार्टी में आशा-निराशा का माहौल बना हुआ है।वहीं बसपा और कांग्रेस के बीच यही हाल है। भाजपा की बल्ले-बल्ले है। बताते चलें इसी साल संभावित नवम्बर -दिसम्बर माह में होने वाले स्थानीय -निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां हर रोज तेज हो रही है।भले ही समाजवादी पार्टी में मौजूदा समय में राजनीतिक तौर पर निराशा का माहौल है।लेकिन पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी आशावादी है कि आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी की वापसी हो सकती है।

वहीं भाजपा का दावा है कि आने वाले स्थानीय -निकाय चुनाव में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज कराएगी। भाजपा का कहना है कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता दिन व दिन बढ़ती जा रही है।उनका कहना है कि भाजपा ने जो काम कर रही है। उससे जनता खुश है। उन्होंने बताया कि सपा के गढ़ माने जाने वाले आजमगढ़ और रामपुर में भाजपा ने लोकसभा चुनाव जीतकर ये बता दिया है। भाजपा के कामों से जनता में साफ मैसेज है कि जो काम वो कर रही है। उससे जनता को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है।रहा सवाल बसपा और कांग्रेस का तो वो अपना खोये हुये जनाधार को पाने के लिये स्थानीय स्तर के चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिये संघर्ष को तैयार है। सो उसने अभी से अपनी चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।