अफगानिस्तान में सिखों पर हमले चिंता का विषय, राज्यसभा में बोले हरभजन

क्रिकेटर से राजनेता बने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य सभा सदस्य हरभजन सिंह ने बुधवार को सदन में शून्यकाल के दौरान अफगानिस्तान में सिखों और गुरुद्वारों पर हमले का मुद्दा जोरशोर से उठाया। हरभजन सिंह ने कहा कि हमें क्यों निशाना बनाया जा रहा है? उनकी बात की राज्यसभा के सभापति ने तारीफ़ की।

हरभजन सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए राज्यसभा ने कहा – ‘ये एक सिख होने की पहचान पर हमला है। यह ऐसा मसला है जिसने दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले सिख समुदाय की भावनाओं को आहत किया है।’

भगवा पगड़ी पहने हरभजन सिंह ने जोर देकर कहा कि इस तरह के हमले हमें कई सवाल उठाने पर मजबूर करते हैं कि ये हमले हमारे ऊपर ही क्यों? क्यों हमें ही निशाना बनाया जा रहा है?’

हरभजन ने कहा – ‘दुनियाभर में गुरुद्वारों ने कोविड काल में भोजन से लेकर ऑक्सीजन तक लोगों को मुहैया कराया था। स्वतंत्रता के बाद देश में सिखों का योगदान अद्भुत था। देश की जीडीपी, रोजगार, दान-धर्म में सिख हमेशा सबसे आगे रहे हैं। सिख समुदाय भारत और अन्य देशों के बीच संबंधों में एक मजबूत कड़ी रहा है। वो अपने साहस, पराक्रम और कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं। ये सब होने के बावजूद हमारे साथ ऐसा सलूक क्यों?

अपने संबोधन में सिंह ने जून में अफगानिस्तान के काबुल में एक गुरुद्वारे में किये गए धमाकों का उदाहरण देते हुए कहा कि दो लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए। मार्च 2020 को काबुल के गुरुद्वारों में आत्मघाती हमलों में बच्चों समेत 25 सिखों की मौत हुई। मेरा विदेश मंत्रालय से आग्रह है कि उन्हें जरूरी कदम उठाने चाहिएं।

अफगानिस्तान को लेकर हरभजन ने कहा कि वह कभी हजारों सिखों का गढ़ था। दशकों के संघर्ष के कारण यह संख्या कम होकर मुट्ठी भर रह गई है। हरभजन सिंह ने कहा – ‘साल 1980 के दशक में अफगानिस्तान में 2.20 हजार सिख और हिंदू रहते थे। साल 1990 के दशक की शुरुआत में यह आंकड़ा गिरकर 15 हजार पहुंच गया और 2016 में कम होकर 1350 हो गया है। अब वहां महज 150 सिख ही बचे हैं।’

इससे पहले हरभजन सिंह जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने सभापति और सदस्यों की तरफ हाथ जोड़कर अभिवादन किया। हरभजन के बोलते के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने भी उनकी तारीफ की। कहा कि हरभजन सिंह जाने माने क्रिकेटर हैं और आपने जो विषय उठाया वह महत्वपूर्ण है। मेरे ख्याल से विदेश मंत्री इसपर और ध्यान देंगे। इसपर सदस्यों ने मेज थपथपाकर उनका अभिवादन किया।