अनेक रोगों की दवा है नींबू

भारतीय खानपान में भले ही कुछ मिलावटखोर आज ज़हर घोलने की कोशिश में लगे हों, मगर यहाँ पैदा होने वाली खाने-पीने की चीज़ों को अमृत, औषधि के समान उपयोगी और जीवनदायी कहा गया है। नींबू भी ऐसा ही फल है। नींबू का सेवन हर मौसम में किया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि नींबू खाने से जुकाम हो जाता है। दरअसल ऐसे लोग यह नहीं जानते कि गलत तरीके से या अधिक मात्रा में उपयोग करने से अमृत भी नुकसानदायक हो सकता है। आयुर्वेद में साफ-साफ बताया गया है कि खाने-पीने की कुछ चीज़ों का अधिक उपयोग करना घातक या प्राणघातक सिद्ध भी हो सकता है। इसीलिए बड़े-बुज़ुर्ग कहते थे कि कौन-सा खाद्यान्न कब, कैसे और कितनी मात्रा में लेना है? अगर इस बात का ध्यान रखा जाए, तो इंसान जीवन में शायद ही कभी बीमार पड़े। खैर, हम फिलहाल सिर्फ नींबू की बात करेंगे। नींबू बदलते मौसम के अनुरूप ही अपने गुणों को समायोजित कर मौसमी दोषों को दूर करता है। नींबू का मुख्य काम शरीर के विषों को नष्ट करके उन्हें बाहर निकालना है। जानिए क्या-क्या फायदे हैं इसके :-

शक्तिवर्धक : उबलते हुए एक गिलास पानी में एक नींबू निचोडक़र पीते रहने से शरीर के अंग-अंग में नयी शक्ति का अनुभव होने लगता है। इससे आँखों की रोशनी तेज़ होती है। मानसिक दुर्बलता, सिर दर्द दूर होता है और अधिक काम करने पर अधिक तथा जल्दी थकावट नहीं होती। इसे बिना शक्कर और बिना नमक मिलाये हल्के-हल्के घूँट लेकर पीना चाहिए।

रक्त और आयु वर्धक : जिन लोगों के शरीर में रक्त यानी खून की कमी हो, उन्हें और टमाटर के रस का उपयोग लाभ पहुँचाता है। वैसे कुछ लोग कहते हैं कि हर रोज़ नींबू का उपयोग करने से आयु बढ़ती है। हालाँकि यह भी कहा गया कि नींबू का अधिक उपयोग नुकसानदायक भी होता है। वैसे यह बात तो हम पहले ही बता चुके हैं कि ज़रूरत से ज़्यादा तो अमृत भी नुकसानदायक हो सकता है।

पाचन तंत्र में फायदेमंद : अगर किसी का भोजन नहीं पचता है और पेट में हमेशा गैस रहती है या भोजन के बाद अथवा सोते समय पेट फूल जाता है; रात को नींद नहीं आती, तो हर रोज़ एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से काफी फायदा मिलता है। ऐसा करने से विषैले पदार्थ मल-मूत्र द्वारा शरीर से निकल जाते हैं और पाचन शक्ति पुन: सही होने लगती है। अगर किसी को अपच की समस्या हो, तो उसे नींबू के टुकड़े पर नमक डालकर गर्म करके चूसने से आराम मिलता है। इसके अलावा नींबू और अदरक की चटनी का सेवन करने से भूख खुलती है। इसमें हरे धनिये की पत्तियाँ मिलाने से इसका और अधिक फायदा मिलता है। अगर किसी के पेट में दर्द हो, तो 12 ग्राम नींबू का रस, 6 ग्राम अदरक का रस को 6 ग्राम शहद में मिलाकर पी लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है। अगर घर में अदरक और शहद न हो तो नींबू के रस में काला नमक और काली मिर्च और जीरे का पाउडर मिलाकर पेट का दर्द ठीक होता है; बशर्ते पेट दर्द का कारण कोई बड़ी बीमारी या किसी अंग के खराब होना न हो। ऐसा करने से पेट के कीड़े भी मरते हैं।

हिचकी : बार-बार हिचकी आने पर एक-एक चम्मच नींबू के रस और शहद में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर पीने से हिचकियाँ बन्द हो जाती हैं।

खाँसी : नींबू में नमक, काली मिर्च और शक्कर भरकर गर्म करके चूसने से लाभ होता है। यह नुस्खा श्वास लेने में हो रही परेशानी में भी काम करता है; बशर्ते रोगी को साँस या दमा का रोग न हो।

बवासीर : नींबू के रस को स्वच्छ महीन कपड़े से छानकर उसमें जैतून का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर दो ग्राम की मात्रा में गिलसरीन सिरिंज द्वारा रात को गुदा में प्रवेश कराते रहने से बवासीर की जलन और दर्द दूर होते हैं और मस्से छोटे हो जाते हैं।

ज्वर : ज्वर यानी बुखार, जिसमें रोगी को बार-बार प्यास लगे; होने पर उबलते पानी में नींबू निचोडक़र पिलाने से शरीर का तापमान गिर जाता है और ज्वर हल्का हो जाता है।