अजीत पवार उपमुख्यमंत्री, आदित्य ठाकरे मंत्री बने

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही महा विकास अघाडी सरकार के मंत्रिमंडल का सोमवार को पहला विस्तार किया गया। एनसीपी के अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। उनके आलावा सीएम उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे को भी मंत्री बनाया गया है। कुल ३६ मंत्रियों ने शपथ ली है। राजभवन में एक समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने सभी मंत्रियों को शपथ दिलाई।

आज शिवसेना के १४, राकांपा के १२ और कांग्रेस के १० विधायकों को मंत्री गया है।

अजीत पवार को लेकर काफी दिन से चर्चा चल रही थी। बारामती से वे विधानसभा का चुनाव जीते हैं। इससे पहले एनसीपी से ”बागी” होकर २३ नवंबर को भाजपा के साथ जाकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ अजीत पवार ने ली थी लेकिन बाद में वे इस्तीफा देकर एनसीपी में लौट आये थे। इससे भाजपा को काफी फजीहत झेलनी पड़ी थी।

उनके अलावा कांग्रेस के अशोक चवण, जो पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी मंत्री बने हैं। पहले जब शिव सेना की सरकार बनाने की बात चुनाव के बाद उठी थी तब भी आदित्य   मुख्यमंत्री बनने की चर्चा चली थी हालांकि अब वे मंत्री बने हैं।

उनके अलावा धनंजय मुंडे, विजय वडेट्टीवार, अनिल देशमुख, हसन मश्रीफ, वर्षा एकनाथ गायकवाड़, राजेंद्र शिंगणे, नवाब मलिक, राजेश टोपे, सुनील केदार, संजय राठौड़, दादाजी भुसे, जितेंद्र आव्हाड, संदीपन भुमरे, बालासाहेब पाटिल, यशोमति ठाकुर, अनिल परब, केसी पाडवी, शंकरराव गडाख, असलम शेख आदि को मंत्री बनाया गया है।

याद रहे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का गठन २८  नवंबर को हुआ था। कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और नितिन राउत, शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई और राकांपा के जयंत पाटिल और छगन भुजबल ने उस दिन ठाकरे के साथ शपथ ली थी।

कैबिनेट में नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद विभागों में बदलाव हो सकता है। फिलहाल, मुख्यमंत्री उद्धव के पास कोई विभाग नहीं है। गृह और उद्योग विभाग शिवसेना के पास हैं।वित्त और ग्रामीण विकास विभाग राकांपा को दिए गए हैं। कांग्रेस को राजस्व, पीडब्ल्यूडी और ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया था।

महाराष्ट्र में मंत्री पद की अधिकतम संख्या ४३ निर्धारित है। महाराष्ट्र विधानसभा में २८८ सदस्य हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव पूर्व के गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के साथ बात बिगड़ने के बाद शिवसेना ने पिछले महीने कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाकर राज्य में सरकार बनाई थी। भाजपा अब विपक्ष में है।